BIG NEWS: अब गौतमबुद्ध नगर में महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों की खैर नहीं, कमिश्नर ने नई पुलिसिंग लॉन्च की

नोएडा | 4 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | Alok Kumar Singh IPS, Commissioner of Police GB Nagar



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक महत्वपूर्ण परिकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने किया है। कमिश्नर ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों का संज्ञान लेकर एक विशेष कार्य योजना तैयार की है। इस योजना के तहत अब गौतमबुद्ध नगर में महिला और बाल सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए महिला डीसीपी और एसीपी की तैनाती की जा रही है। पुलिस को इस योजना की बीते काफी समय से प्रतीक्षा थी। 

इस योजना की नींव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा करने के दौरान रखी गई थी। जिसको अब अमली जामा पहना दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली की घोषणा के समय कहा था कि वह इन अधिकारियों से अपेक्षा करते हैं कि वे महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए प्रभावशाली पहल करेंगे। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच में शीघ्रता के साथ गुणवत्ता को भी वरीयता देंगे। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर आलोक सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इन निर्देशों के अनुपालन में दिनांक 4 जून से इस योजना को लागू कर दिया गया है। 

 योजना की मुख्य विशेषताएं

  1. प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक महिला सुरक्षा डेस्क और एक महिला इकाई का संचालन किया जाएगा। महिला डेस्क ही पुलिस स्टेशन में आने वाली सभी महिलाओं और बच्चों की समस्याओं का सर्वप्रथम संज्ञान लेंगी। जिससे महिलाओं और बच्चों को अपनी समस्याओं को साझा करने में कोई परेशानी और हिचक ना हो। समस्याओं का विषय के आधार पर निस्तारण की उचित प्रक्रिया शुरू की जा सके। 
  2. इस योजना के तहत महिला इकाई में दो उप-निरीक्षक, पुरुष और महिला (पुरुष और महिला कांस्टेबल के साथ उनकी मदद के लिए) शामिल होंगे। जो विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सभी मामलों की जांच करेंगे। जांचकर्ताओं के इस समर्पित कैडर को सामयिक, समय पर और सबूत आधारित जांच के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
  3. किसी भी जांच अधिकारी को प्रति वर्ष 40 से अधिक मामले जांच करने के लिए नहीं दिया जाएगा। गुणवत्ता के साथ ही समय पर जांच सुनिश्चित करने के लिए ही इस दृष्टिकोण को अपनाया गया है। 
  4. एसीपी रैंक के अधिकारी को दहेज हत्या, एससी-एसटी समुदाय के सदस्यों के खिलाफ यौन अपराध की जांच करने की जिम्मेदारी होगी। जबकि, एसीपी महिला सुरक्षा को अनैतिक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत अपराध, किसी भी अन्य जघन्य अपराधों के खिलाफ और सभी गंभीर अपराधों की जांच की जिम्मेदारी होगी।
  5. डीसीपी और एसीपी (महिला सुरक्षा) को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के पूरे स्पेक्ट्रम जैसे सभी यौन अपराधों और शादी से संबंधित सभी अपराधों की  बारीकी से निगरानी करने की जिम्मेदारी होगी। 
  6. महिलाओं और बच्चों से संबंधित पूर्व-मौजूदा इकाइयों और सेवाओं जैसे कि महिला सहायता, एंटी-ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट, विशेष पुलिस किशोर इकाई, 1090 आदि के निगरानी की जिम्मेदारी भी डीसीपी महिला सुरक्षा की होगी। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विभिन्न पहलों के बीच तालमेल बिठाने और पर्यवेक्षण का कार्य भी किया जाएगा।
  7. नए मॉडल के तहत वैवाहिक विवाद के मामलों में पेशेवर परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में एक पारिवारिक विवाद निवारण सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही महिलाओं और बाल सुरक्षा के लिए मोबाइल गश्ती वाहनों का बेड़ा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। 
  8. इस योजना का उद्देश्य पुलिस और बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, चिकित्सा प्राधिकरण, चाइल्ड लाइन, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के बीच बेहतर तालमेल बनाना भी होगा।

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