Noida: रोटी बैंक ने 11 दिनों में एक लाख का आंकड़ा पार किया

नोएडा | 5 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | Noida Roti Bank crossed one lakh mark in 11 days



लॉकडाउन में परेशान लोगों की मदद करने के लिए नोएडा में बनाया गया रोटी बैंक रोजाना लगभग 3,000-4,000 मजदूरों को खाना खिलाता है। यह बैंक सेक्टर-78 के कुछ निवासियों द्वारा शुरू किया गया था। नोएडा विकास प्राधिकरण ने चपातियों का संग्रह करने के लिए वाहन भेजता है। प्राधिकरण को इस रोटी बैंक से बड़ा फायदा हुआ है। लिहाजा, विकास प्राधिकरण इसका समर्थन कर रहा है।

गिरिराज ने बताया कि नोएडा के निवासियों के एक समूह ने लॉकडाउन-2 घोषित होने के बाद इस महीने की शुरुआत में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इस 'रोटी बैंक' ने महज 11 दिनों में 1,10,000 चपातियां बनाई हैं। 'रोटी बैंक’ 12 अप्रैल को 7X सोसायटीज के निवासियों द्वारा शुरू किया गया था। जिन्होंने शुरुआत में 400 चपातियां बनाई थीं।

यह अभियान नोएडा के निवासियों के 7X सेक्टर (सेक्टर 70, 75, 76, 78 और 79) की हाउसिंग सोसायटियों से शुरू हुआ और शहर के तमाम अन्य क्षेत्रों जैसे सेक्टर 120, 121, 110, 51, 137, 143 और 119 से भी अब योगदान किया जा रहा है।

सिलिकॉन सिटी के निवासी रजनीकांत ने बताया कि 'रोटी बैंक’ रोजाना लगभग 3,000-4,000 मजदूरों को खाना खिलाता है। सेक्टर-78 के अंतरिक्ष गोल्फ व्यू-2 के ब्रजेश शर्मा ने कहा, "हम अंतरिक्ष गोल्फ व्यू 1, 2 के निवासी और एसोटेक विंडसर ने इस सेवा को शुरू करने के लिए सोचा। हमने नोएडा प्राधिकरण के साथ इस पर चर्चा की। वे इस संग्रह के लिए अपना वाहन भेजने पर सहमत हो गए। हमने अपने निवासियों को हमारी सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सूचित किया और नोटिस दिए गए।"

महागुन मॉडर्न की निवासी इन्द्राणी मुखर्जी ने बताया, "हम अपनी सोसायटी के प्रत्येक टॉवर पर खाली बक्से लगाते हैं। लोग प्रत्येक शाम चार चपातियों के एक पैकेट के साथ आना शुरू करते हैं और अपने संबंधित टावरों पर पैकेट बॉक्स में छोड़ते हैं। शाम लगभग 5:30 बजे हम चपातियों से भरे सभी बक्से एकत्र करते हैं और इसे हमारे सोसायटी के गेट पर रख देते हैं।"

एसोटेक विंडसर सोसायटी के निवासी नितिन जैन और अभिषेक मेहता ने कहा कि प्राधिकरण का वाहन शाम करीब 6 बजे सोसायटी में आता है। सभी बक्से को उठाता है और दूर सोरखा गांव में चल रही सामुदायिक रसोई में ले जाता है। जहां वे सब्जी या दाल तैयार करते हैं। भोजन के लिए रोजाना 1,000 से अधिक मजदूर वहां इकट्ठा होते हैं।

पैन ओसिस के निवासी संदीप अग्रवाल ने कहा कि, "हमने शुरुआत में तीन सोसायटियों से 400 चपातियों से यह अभियान शुरु किया था। अब 25 से अधिक सोसायटियों ने एक साथ हाथ मिलाया और नोएडा प्राधिकरण रोजाना 15,000 से अधिक चपातियों का संग्रह कर रहा है।"

नोएडा प्राधिकरण से मुकेश कुमार वैश्य ने कहा, "गुरुवार को हमने एक लाख चपातियों का आंकड़ा पार कर लिया था। गुरुवार को 17,494 चपातियों का संग्रह किया गया था। अजनारा होम्स के निवासी अभय पांडेय, गुलशन इकेबाना    के निवासी विवेक निगम और सेक्टर 51 के निवासी संजीव भी लोगों को मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। 

अन्य खबरें