Dhirendra Singh Facebook Account | विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह
गौतम बुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने शहर के बिल्डरों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने बाकायदा ट्वीट करके बिल्डरों को कहा, "बिल्डरों की मनमानी के दिन अब लद चुके हैं। अब उत्तर प्रदेश में कानून का राज है। वह जमाने गए जब बिल्डर नोएडा से बैठकर लखनऊ फोन करते थे और आम आदमी के हकों पर डाका डाल लिया करते थे।" दरअसल, दो दिन पहले ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने विधायक धीरेंद्र सिंह से मुलाकात करके बिल्डर की शिकायत की थी। बताया कि बिल्डर जबरन मेंटेनेंस चार्ज और बिजली की दरें अनाप-शनाप बढ़ाने पर आमादा हैं। इस वक्त लॉकडाउन का पीरियड चल रहा है। लोगों की आमदनी के जरिए खत्म हो चुके हैं और बिल्डर परेशानी पैदा कर रहे हैं।
बीती 4 जुलाई को ग्रेटर नोएडा वेस्ट कि ईरोज सम्पूर्णम हाउसिंग सोसायटी और दूसरी कई सोसायटी में रहने वाले लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल दीपांकर कुमार के साथ जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से मिला था। इन लोगों ने विधायक को बताया कि बिल्डर उन्हें परेशान कर रहे हैं। बिजली के प्रीपेड मीटर से मेंटेनेंस चार्ज की कटौती भी की जा रही है। नोएडा पावर कंपनी और विद्युत नियामक आयोग की ओर से निर्धारित दरों से अधिक कीमत पर बिजली आपूर्ति की जा रही है। इतना ही नहीं बिल्डर ने कोरोना संक्रमण की महामारी के बावजूद मेंटेनेंस चार्ज अनाप-शनाप बढ़ा दिए हैं। सोसायटी में रहने वाले कई लोगों की नौकरियां चली गई हैं, जिसकी वजह से लोग भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
नियमों के विरुद्ध वसूली करने पर प्रशासन ने नोटिस भेजा
इस पर विधायक धीरेंद्र सिंह ने गौतम बुध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई को पत्र लिखा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को राहत दिलाने के लिए कहा। धीरेंद्र सिंह का पत्र मिलने के बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने बिल्डर को नोटिस भेजा है। सोसाइटी में मेंटेनेंस और दूसरी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवा रही कंपनी के मैनेजमेंट को 10 जुलाई को एडीएम के कार्यालय में हाजिर होना होगा। निवासियों की ओर से लगाए गए आरोपों पर सफाई देनी होगी। अपर जिलाधिकारी ने बिल्डर को चेतावनी दी है कि अगर वह निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होते हैं तो एक पक्षी आदेश जारी कर दिया जाएगा।
लॉकडाउन के दौरान भी बिल्डर ने मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाया था
इस मामले पर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। दरअसल, लॉकडाउन पीरियड के दौरान भी ईरोज सम्पूर्णम हाउसिंग सोसायटी के बिल्डर ने मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा दिए थे। उस वक्त भी निवासियों ने विधायक धीरेंद्र सिंह से गुहार लगाई थी। विधायक के दखल पर जिला प्रशासन में धारा-144 के तहत बिल्डर को निषेधाज्ञा जारी की थी। आदेश दिया था कि वह मेंटेनेंस चार्ज नहीं बढ़ाएगा। अगर उसने ऐसा किया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। अब जैसे ही अनलॉक शुरू हुआ तो बिल्डर ने निवासियों को फिर परेशान करना शुरू कर दिया है। पिछले सप्ताह बिल्डर ने सभी निवासियों को नोटिस भेजे हैं। जिनमें लिखा गया है कि एक जुलाई से नई दरें लागू होंगी।
इसके अलावा कॉमन फैसिलिटी में इस्तेमाल होने वाली बिजली का बिल भी निवासियों के प्रीपेड मीटर से काटा जाएगा। नियमों के मुताबिक क्लब, जिम, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के लिए कॉमन फैसिलिटी के आधार पर बिजली की कीमत वसूल नहीं की जा सकती है। इस श्रेणी में केवल पार्क, लिफ्ट और स्टेयर्स को शामिल किया गया है।
अब बिल्डर कानून तोड़ेंगे तो जेल जाएंगे: धीरेन्द्र
इस पर ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा, "अगर कोई भी बिल्डर विद्युत मूल्य अथवा इंटरनेट के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण और अवैध वसूली करेगा तो देश का कानून उन्हें उनकी हदों में रखने के लिए सक्षम है। बिल्डर खुद को शहर का माई-बाप नहीं समझें। अब बिल्डरों के दिन लग चुके हैं। कानून का पालन करें और मनमानी करने की कोशिश नहीं करें। अगर बिल्डरों ने आम आदमी को सताने का प्रयास किया तो जेल जाने के लिए भी तैयार रहें।"
इंटरनेट सेवा पर शहर के बिल्डर मनमानी कर रहे हैं
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिल्डरों ने कई तरह के गोरखधंधे शुरू कर रखे हैं। मसलन, हाउसिंग सोसाइटी में खुद की कंपनियां बनाकर इंटरनेट की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। किसी एक कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर इंटरनेट उपलब्ध करवाया जाता है। वहां का निवासी चाह कर भी उस कंपनी के अलावा किसी दूसरी कंपनी का इंटरनेट उपयोग में नहीं ला सकता है। बिल्डर अच्छा और सस्ता इंटरनेट उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों को सोसाइटी में प्रवेश की इजाजत नहीं देते हैं। जिसकी वजह से निवासियों को महंगी इंटरनेट सुविधा का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
बिल्डरों ने मेंटेनेंस के लिए पैनल कंपनियां खड़ी कर रखी हैं
बिल्डरों ने हाउसिंग सोसायटियों में मेंटेनेंस करने के लिए सामांतर कंपनियां बना रखी हैं। अपनी ही बिल्डर कंपनी से अपनी ही दूसरी कंपनी को मेंटेनेंस का ठेका दिया जाता है। इसके बाद मेंटेनेंस करने वाली बोगस कंपनी घाटा दिखाती है और मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाने की मांग करती है। बिल्डर निवासियों को घाटे का हवाला देकर मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा देता है। इस तरह बिल्डर निवासियों से हर महीने करोड़ों रुपए लेकर अपनी जेब भरने में जुटे हुए हैं। इतना ही नहीं मेंटेनेंस का ठेका देने के लिए किसी भी तरह का कंपटीशन नहीं होता है। बिल्डर मनमानी करके सीधे अपनी कंपनी को ठेका दे देते हैं। जबकि, कानूनी तौर पर ऐसा करना अपराध है। बिल्डरों को बाकायदा खुले बाजार में निविदा जारी करके मेंटेनेंस करने के लिए कंपनी का चयन करना चाहिए।