Greater Noida: एनपीसीएल ने उद्यमियों को थमाए छह गुना अधिक ज्यादा बिल

Tricity Today | NPCL



लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत की उम्मीद कर रहे उद्यमियों को नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) ने जोरदार झटका दिया है। उद्यमियों को छह गुना तक अधिक राशि के बिजली बिल थमा दिए गए हैं। बिल भुगतान न करने पर कंपनी ने कई उद्यमियों को कनेक्शन काटने के नोटिस दिए हैं। एनपीसीएल के शोषण से परेशान उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से राहत मांगी है।

कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस कारण उद्योगों पर ताला लटक गया। उत्पादन ठप होने से उद्यमियों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है। कर्मचारियों को बिना काम के वेतन देने के अलावा ऑर्डर भी अधर में लटक गए। लेकिन एनपीसीएल ने उद्यमियों को जो बिल भेजे हैं। उससे उन्हें और गहरा झटका लगा है।

अचानक लॉकडाउन लागू होने के कारण अधिकतर उद्योग अपनी बिजली लाइन को बंद नहीं कर सके। इसका सीधा असर पावर फेक्टर पर पड़ा। इससे उद्यमियों को बिल छह गुना तक बढ़ गया। यहीं नहीं पचास केवीए से अधिक क्षमता के कनेक्शन वालों के ट्रांसफार्मर की बिजली खपत भी कंपनी ने उद्यमियों के खाते में डाल दी है। आइआइए इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने उद्यमियों के बीच एक सर्वे कराया। इसमें सामने आया है कि एनपीसीएल ने लगभग सभी उपभोक्ताओं को अधिक राशि के बिल जारी किए हैं। बिल भुगतान न करने पर छह को कनेक्शन काटने का नोटिस तक जारी किया गया है। जबकि उद्यमी लॉकडाउन में फिक्स चार्ज माफ करने की सरकार से मांग कर रहे हैं। ऐसे में कंपनी के रवैये ने उनकी नाराजगी को और बढ़ा दिया है।

आइआइए के डिविजनल चेयरमैन विशारद गौतम ने कहा कि पचास केवीए से अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर यूनिट परिसर में लगे हैं। इनकी खपत को भी कंपनी ने उद्यमियों के बिल में जोड़ दिया है। पावर फेक्टर गड़बड़ाने से छह गुना तक अधिक बिल आ गए हैं। कंपनी को फिक्स चार्ज माफ करने के साथ बिलों को दुरुस्त करना चाहिए।

आइआइए के ग्रेटर नोएडा चैप्टर अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता उद्यमियों के बीच सर्वे कराया गया था। इसमें सामने आया है कि लगभग सभी को कंपनी ने अधिक धनराशि के बिल जारी किए हैं। कंपनी अगर लॉकडाउन अवधि में कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी कर रही थी तो उसे उपभोक्ताओं को यह भी सुझाव देना चाहिए था कि लाइन या पावर फेक्टर गड़बड़ाने से उनका बिल बढ़ सकता है।  

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