Tricity Today | हिंडन-यमुना खादर में अवैध इमारतों को तोड़ने का आदेश
सिंचाई विभाग ने गाजियाबाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हिंडन नदी के दोनों और खादर क्षेत्र में बनी तमाम इमारतों को तत्काल प्रभाव से गिराने का आदेश जारी किया है। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले में करीब 25 गांवों के राजस्व इलाकों में यह अवैध इमारतें खड़ी हुई हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन इमारतों को तत्काल हटा लिया जाए नहीं तो इन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।
गाजियाबाद सिचांई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि हिण्डन नदी के नन्द ग्राम, घूकना, सिहानी, सद्दीक नगर, नूर नगर, मोरटी, करहैड़ा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, मनेड़ा नगला फिरोज, मोहनपुर और शमसेर नगर, अर्थला और महीउद्दीनपुर कनावनी के इलाकों में हिंडन नदी के तटबंध और जलधारा के बीच बड़ी संख्या में अवैध इमारतों का निर्माण किया गया है।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि इसी तरह गौतमबुद्ध नगर जिले में छजारसी, चोटपुर, युसूफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढ़ी चौखंडी, हैबतपुर, परथला खंजरपुर, सोरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलावर्दीपुर, जलपुरा, हल्दौनी, कुलेसरा, हिण्डन यमुना दोआब बंध के निकट ग्राम इलाहावास, कुलेसरा, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुजरपुर, झट्टा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, शफीपुर, चूहड़पुर और मोमनाथल गांव हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र में आते हैं। इन गांवों की भूमि पर भी हिंडन नदी के तटबंध और जलधारा के बीच बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो गए हैं।
यमुना नदी के किनारे भी बड़ी संख्या में अवैध निर्माण
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि इसी तरह यमुना नदी के किनारे ग्राम मोतीपुर, तिलवाड़ा, मोमनाथल, गढ़ी समस्तपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर (औरंगाबाद हरियाणा साइड), गुलावली, दलेलपुर (हरियाणा साइड), याकूतपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली और असदुल्लापुर की भूमि डूब क्षेत्र में आती है। अधिशासी अभियंता का कहना है कि इस सारे इलाके में व्यापक स्तर पर अवैध निर्माण किया गया है।
इस साल दोनों नदी में बड़ी बाढ़ आने की संभावना है
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने कहा, इस भूमि में निर्मित व निर्माणाधीन भवन, स्कूल, मकान, फार्म हाऊस, क्रेशर प्लान्ट, हॉट मिक्स प्लान्ट, कंक्रीट रेडीमिक्स प्लान्ट, बदरपुर-सैंड की धुलाई की हौदियां आदि अवैध निर्माण हैं। इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है। जिस कारण इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता अत्यधिक होगी। बाढ़ के समय इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण और बस्ती अवैध होने के कारण बाढ़ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन और शासन सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाएंगे।
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होंगे
अधिशासी अभियंता ने कहा कि इन अवैध बस्तियों और निर्माण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत बाढ़ सुरक्षा नहीं की जाएगी। साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माणकारियों से की जाएगी। लोगों से अपील है कि अवैध निर्माणों को तत्काल हटा लें या तोड़ दें। अन्य कोई नया निर्माण नहीं करें। अन्यथा इन अवैध निर्माणों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही और अप्रत्याशित जनधन की हानि के लिए निर्माण करने वाले खुद जिम्मेदार होंगे।
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