Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
Ghaziabad : हरनंदी स्थित श्मशान घाट पर खुले में पीपीई किट फेंकने का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार विद्युत शवदाह गृह के पास खुले में ही पीपीई किट फेंक दी गई। निगम की तरफ से इनके निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे प्रतिदिन घाट पर शवों के साथ आने वाले सैकड़ों आमजन परेशान हैं।
हरनंदी श्मशान घाट पर और पोस्टमार्टम हाउस पर शवों के साथ प्रतिदिन सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। हरनंदी घाट पर ही विद्युत शव दाह गृह है। कुछ दिन पूर्व श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में बाडी कवर पड़े हुए मिले थे। यहां पर कोरोना से मौत के बाद शव को जलाने के लिए लाया जाता है। कर्मचारी पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार करते हैं। इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को खुले में घाट पर फेंका जा रहा है। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस पर पुलिस शव को बाडी कवर कर भेजती है। हत्या व दुर्घटना वाले शवों का बाडी कवर खून में सना होता है।
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर हरनंदी घाट पर खून में सने कवर को भी खुले में फेंक दिया जाता है। इससे नागरिकों में संक्रमण फैलने का खतरा है। सोमवार को फिर से विद्युत शव दाह गृह के पास पीपीई किट फेंकी गई। सफाई निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को हिदायत दी गई है वह खुले में पीपीई किट न फेंकें। घाट पर कूड़ेदान रखवा दिए गए हैं। लोग कंधा देने के लिए पीपीई किट पहनते हैं। कंधा देने के बाद किट को खुले में फेंक देते हैं। इन लोगों को जागरूक किया जाएगा। श्मशान घाट पर कूड़ेदान रखवा दिए गए हैं।
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