नोएडा के राजेश गुर्जर कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में हीरो बनकर उभरे, जानिए कौन हैं

नोएडा | 5 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | राजेश गुर्जर



कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही जंग में लड़ने वाले योद्धाओं की कोई कमी नहीं है। देशभर से ऐसे तमाम किरदार उभरकर सामने आ रहे हैं, जो इस लड़ाई में मानवता के रक्षक बनकर उभरे हैं। नोएडा के राजेश कुमार गुर्जर भी इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक हैं। राजेश कुमार कोरोना की जंग के हीरो साबित हुए हैं।

बिग बॉस के विनर रहे मनवीर गुर्जर का गांव एकबार फिर चर्चा में है। यहां के रहने वाले कैप्‍टन राजेश कुमार चर्चा के केंद्र में हैं। राजेश कुमार की चर्चा पूरे देश में हो रही है। उनके काम को सुनकर आपको भी नाज होगा कि हमारे शहर में ऐसे कोरोना योद्धा हैं, जिसके कारण देश की आन-बान और शान बढ़ जाती है। नोएडा के गांव आगहपुर के रहने वाले राजेश कुमार गुर्जर पेशे से कैप्‍टन हैं। जब पूरे देश-दुनिया में लॉकडाउन है, तब उन्‍होंने अपनी मानसिक मजबूती का परिचय दिया है। वह उस देश में गए, जहां रोजाना सैकड़ों लोग कोरोना वायरस से दम तोड़ रहे हैं। 

राजेश कुमार ने आखिर क्या किया
राजेश कुमार ने भारत में फंसे कई विदेशियों को उनके घर पहुंचाया है। दरअसल, कोई पायलट लन्दन जाने को तैयार नहीं था। राजेश लन्दन गए। वहां जाकर आराम तक नहीं किया। सीधे हवाई अड्डे पर गए और सिर्फ फ्यूल भरवाकर वापस लौट आए। दरअसल, भारत में ब्रिटेन के बहुत सारे लोग फंसे थे। सरकार ने इन्‍हें क्‍वारंटाइन में भेज दिया था। जब उन लोगों का क्‍वारंटाइन पूरा हो गया तो उन्हें वापस भेजना था।

केंद्र सरकार ने स्पेशल फ्लैट से लोगों को लन्दन भेजने की योजना तैयार की। ब्रिटेन में कोरोना के कोहराम के कारण कई पायलटों ने जाने से इनकार कर दिया। तब ऐसे वक्‍त में राजेश ने मजबूत मानसिकता का परिचय दिया। उन्होंने लन्दन के लिए उड़ान भरी।

राजेश कुमार एयर इंडिया की फ्लाइट 161-162 लेकर 13 अप्रैल की देर रात 2:30 बजे उड़े और लंदन अगले दिन सुबह 11 बजे (भारतीय समयानुसार) पहुंच गए। इसके बाद वहां उन्‍होंने वेटिंग रूम में रहकर फ्लाइट के रिशेड्यूल होने का इंतजार किया। इस दौरान इंधन भरा गया। मात्र एक घंटे बाद उन्‍होंने फिर से प्‍लेन की कमान थाम ली और भारत के लिए उड़ान भरी। इस पूरे मिशन में 17 घंटे से ज्‍यादा समय लग। राजेश कुमार ने इस दौरान आराम नहीं किया। उन्‍होंने दिल्‍ली से लंदन जाने के लिए पहले 230 यात्री अमृतसर से लिए और फिर 70 यात्री दिल्ली से लिए थे। इसके बाद अपने मिशन पर निकल गए। इस दौरान सभी यात्रियों को एक-एक सीट बीच में छोड़कर बैठाया गया था। यात्रियों के लिए भोजन भी पहले ही उनकी सीट पर रख दिया गया था। भोजन, एक बोतल पानी और एक गिलास कोल्ड ड्रिंक रखी गई थी।

इस बारे में राजेश कुमार का कहना है, "हम जिस पेशे से ताल्लुक रखते हैं, उसकी ट्रेनिंग और एक्सपीरियंस की असली परीक्षा ऐसे ही वक्त में होती है। नौकरी के इतने लंबे अनुभव के बावजूद अगर हम इस विश्वव्यापी संकट में सेवा के लिए तैयार ना हो तो क्या फायदा। आज हम लोग जो कुछ भी हैं, वह अपने देश की बदौलत हैं। ऐसे में हमारा धर्म बनता है कि इस बुरे वक्त में अपने देश का मान बढ़ाने के लिए काम करें।"

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