BIG BREAKING: अम्रपाली बिल्डर के खिलाफ नोएडा और दिल्ली में दर्ज सारे मुकदमे ईडी को ट्रांसफर, सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़े आदेश दिए

नोएडा | 4 साल पहले | Anika Gupta

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की आवासीय परियोजनाओं में फ्लैट खरीदकर फंसे करीब 40,000 परिवारों की याचिकाओं पर शुक्रवार को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। शुक्रवार की सुनवाई में अदालत ने कई अहम फैसले सुनाए हैं। अदालत ने बैंकों के प्रबंधकों को 2 सप्ताह में पैसा जारी करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने आम्रपाली के खिलाफ दिल्ली और नोएडा में दर्ज सभी आपराधिक मुकदमों को प्रवर्तन निदेशालय ट्रांसफर करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा, आम्रपाली होम बायर्स के सभी मामलों की जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट करेगा। दिल्ली पुलिस और नोएडा पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि उनके यहां दर्ज किए गए सभी मुकदमे पीढ़ी को ट्रांसफर कर दें। अभी फ्लैट खरीदारों की ओर से दर्ज करवाए गए मुकदमों की जांच दिल्ली और नोएडा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा है कर रही हैं।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए रिसीवर ने न्यायालय को बताया कि पिछली सुनवाई के आदेश के अनुपालन में अभी तक किसी बैंक ने धन मुहैया करवाने के लिए वादा नहीं किया है। इस पर अदालत ने संज्ञान लिया और सभी बैंकों के मुख्य प्रबंध निदेशकों को अगले 2 सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।

दूसरी ओर डीएचएफएल ने न्यायालय को बताया कि वह रिसीवर के संपर्क में है और उन्हें पैसा जारी करने में किसी तरह की आपत्ति नहीं है। कंपनी 311 फ्लैट खरीदारों को पैसा उपलब्ध करवा रही है, हालांकि डीएचएफएल को 400 फ्लैट खरीदारों को पैसा उपलब्ध करवाना है। फ्लैट खरीदारों से जुड़े 89 गंभीर डिफॉल्ट के मामलों को अगस्त के पहले सप्ताह में सुलझाया जाएगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने उच्चतम न्यायालय को अवगत करवाया कि जेपी मॉर्गन कंपनी की ओर से यूको बैंक में 187 करोड रुपए जमा करवाए गए हैं। कंपनी ने 140 करोड रुपए मूलधन और 47 करोड रुपए बतौर ब्याज जमा किया है।

आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए मुकदमों की पैरोकारी कर रहे होम बायर केके कौशल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कोई भी एसोसिएशन या अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन दखलंदाजी नहीं करेगी। जिन परियोजनाओं में निर्माण कार्य शुरू हो गया है, वहां इन एसोसिएशन की ओर से किसी भी तरह का दखल नहीं दिया जाएगा।

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