सुप्रीम कोर्ट ने डीएम गौतमबुद्ध नगर पर कुछ नहीं बोला, राज्य सरकार से जवाब मांगा है

नोएडा | 4 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | सुप्रीम कोर्ट ने डीएम गौतमबुद्ध नगर पर कुछ नहीं बोला



दिल्ली-एनसीआर से जुड़े मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। जिसके बाद कहा गया कि गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेशों पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि डीएम गौतमबुद्ध नगर पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई अवलोकन नहीं किया था। अदालत ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है और स्थिति साफ करने के लिए कहा है। अगली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से अदालत को जवाब दिया जाएगा।

गरिमा प्रसाद ने कहा, "यह सही खबर नहीं है। कोर्ट ने नोएडा डीएम के संबंध में कोई अवलोकन नहीं किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने केवल यूपी राज्य को यह भ्रम स्पष्ट करने के लिए कहा है कि क्या राज्य में गृह संगरोध नियम राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के विपरीत हैं या नहीं।" गरिमा प्रसाद यूपी राज्य की उच्चतम न्यायाल में स्थायी वकील हैं। शुक्रवार को हुई सुनवाई के वक्त वह राज्य सरकार का पक्ष रख रही थीं।

सुनवाई के बाद खबरें आई कि सुप्रीम कोर्ट ने एसिम्प्टोमैटिक संक्रमित लोगों को होम क्वारंटाइन करने की बजाय संस्थागत क्वारंटाइन कराए जाने को लेकर नोएडा जिलाधिकारी के आदेश की आलोचना की है। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के विपरीत दिशा-निर्देश नहीं हो सकते। ऐसी स्थितियां परेशानी पैदा कर सकती हैं। अदालत ने यूपी सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा डीएम अपने आदेश की समीक्षा करें। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम आदेश पारित करके यह स्पष्ट कर सकते हैं कि नोएडा डीएम का आदेश उचित है और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। खबरों के इसी हिस्से पर गरिमा प्रसाद ने स्थिति साफ की है।

आपको बता दें कि दिल्ली आवागमन, होम क्वारंटाइन और लॉकडाउन से जुड़े कुछ और बिंदुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई शुरू की है। शुक्रवार को सुनवाई की गई। अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को की जाएगी। उस दिन उत्तर प्रदेश सरकार अपना पक्ष रखेगी। दिल्ली और दूसरे राज्यों को भी अपना अपना पक्ष रखना है।

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