शैली बैंसला के परिवार के साथ खड़े हुए सुरेंद्र नागर और धीरेन्द्र सिंह, पीएम-सीएम तक पहुंचा मामला, ये है पूरी जानकारी

Tricity Today | Shaily Bainsla, Surendra Nagar and Dhirendra Singh



ग्रेटर नोएडा की निवासी और दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल शैली बैसला की मौत के मामले में परिवार को सहयोग मिलने लगा है। दरअसल, शैली बैसला की मौत को लेकर स्थिति साफ नहीं है। परिजनों का कहना है कि उसकी मौत कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण हुई है। लिहाजा, उसे कोरोना योद्धा घोषित किया जाना चाहिए। अब इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और जेवर से विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने परिवार को सहयोग दिया है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शैली को कोरोना योद्धा का सम्मान देने की अपील की है। दूसरी ओर ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की है। शैली बैंसला को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग की है। इसके लिए विधायक की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया है।

ग्रेटर नोएडा के कुलेसरा की रहने वाली शैली बैसला दिल्ली की नंद नगरी कोतवाली में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। जिसकी 25 मई को मौत हो गई है। मौत की वजह दिमागी बुखार बताई गई है। लेकिन परिजनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि शैली बैंसला की मौत कोरोनावायरस के कारण हुई है। अब इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील करते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस की नौजवान महिला कॉन्स्टेबल शैली बैंसला कोरोना महामारी में पूरे कर्तव्य से अपनी ड्यूटी कर रही थी। 

सांसद ने कहा शैली मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के कुलेसरा गांव की रहने वाली है। शैली बैंसला के थाने में 5-6 पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार शैली बैसला को कोरोना योद्धा सम्मान मिले। जिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, वहां के डॉक्टर को उनके साथियों के कोरोना पोजिटिव होने की जानकारी नहीं दी गई। शैली बैसला का निधन कोरोना काल मे ड्यूटी के दौरान हुआ है। उनको सम्मान मिलना चाहिए।

दूसरी ओर ठाकुर धीरेंद्र सिंह का कहना है, "इसमें कोई शक नहीं है कि शैली बैंसला का निधन कोरोनावायरस के कारण हुआ है। मैंने कई विशेषज्ञ चिकित्सकों से इस मामले में सलाह ली है। दिल्ली सरकार को उन्हें कोरोना योद्धा घोषित करना चाहिए। लेकिन पूरे मामले पर दिल्ली सरकार चुप्पी साधकर बैठी हुई है। परिजनों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।"

धीरेन्द्र सिंह का कहना है, "मैंने प्रधानमंत्री से शैली बैसला की मौत के मामले में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने की मांग की है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमेटी को इस पूरे मामले में जांच करनी चाहिए। दरअसल, परिवार और विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ऐसे कई बिंदु उठाए हैं। जिन पर गौर किया जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि शैली बैंसला कोरोनावायरस से संक्रमित थी। लिहाजा, डॉक्टरों और अस्पताल की लापरवाही का खामियाजा शैली बैसला की शहादत को क्यों भुगतना पड़े। शैली को कोरोना योद्धा घोषित किया जाना चाहिए।"

शैली बैसला के भाई कपिल बैसला ने बताया कि उनकी बहन शैली बैसला की तबियत अचानक ड्यूटी पर तैनाती के समय ख़राब हो गई थी। उनको 3 मई को नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कैलाश अस्पताल में तबियत में सुधार नहीं होने पर शैली को नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 11 मई से शैली बैसला की अचानक बहुत ज्यादा तबियत ख़राब होने लगी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी कोरोना जांच नहीं की थी। 

कपिल बैसला का जेपी अस्पताल पर आरोप है कि अस्पताल ने शैली में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद भी उनकी कोरोना जांच नहीं की। शैली को सांस लेने में दिक्कत थी और उसके दिल में लगातार दर्द की शिकायत थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी कोरोना जांच नहीं की। जिसके कारण उनकी 25 मई की सुबह मौत हो गई है। वहीं, दूसरी तरफ अस्पताल का कहना है कि शैली को कोरोना वायरस नहीं था। उसकी मौत मैनिंगगोजाइटिस (दिमागी बुखार) के कारण हुई है। लेकिन अस्पताल प्रशासन यह नहीं बता पा रहा है कि शैली बैंसला को मैनिंगगोजाइटिस किस वायरस के कारण हुआ था।

इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस भी आलोचनाओं के दायरे में है। शैली के परिजनों का कहना है कि शैली एक संगठित पुलिस बल की सदस्य थी। वह करीब एक महीना अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझती रही। इस दौरान एक बार भी दिल्ली पुलिस के किसी भी छोटे-बड़े अफसर ने संपर्क करने की कोशिश नहीं की। शैली को उसके हाल पर ही छोड़ दिया गया। अब जब दिल्ली पुलिस का फर्ज बनता था कि वह परिवार के दुख में शरीक हो तो वहां के डीसीपी गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए ट्वीट कर रहे हैं। डीसीपी ने ट्वीट किया है कि शैली बैसला की मौत कोरोनावायरस के कारण नहीं हुई है। उसकी मौत दिमागी बुखार के कारण हुई है। सवाल यह उठता है कि जब अभी मेडिकल ग्राउंड पर यह तय नहीं हुआ है की मौत की वजह कोरोनावायरस है या नहीं तो डीसीपी ने ऐसा गैर जिम्मेदाराना ट्वीट क्यों किया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय गुर्जर का कहना है, "मैंने शैली बैंसला का केस पूरी तरह समझा है। इस मामले में इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि शैली की मौत की वजह कोरोनावायरस है। शैली बैसला की डेथ समरी में जो बातें लिखी गई हैं, वह अक्षरशः कोरोनावायरस के संक्रमण की ओर इशारा करती हैं। नोएडा के जेपी अस्पताल के चिकित्सकों ने शैली के इलाज में भारी चूक की है। उन्होंने शैली का इलाज आइसोलेशन वार्ड में किया। शैली की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम नहीं किया गया। यह दोनों बातें इस ओर साफ इशारा करती हैं कि शैली कोरोनावायरस की संक्रमण में थी। यह बात डॉक्टरों को मालूम थी।"

डॉ विजय आगे कहते हैं, "डेथ समरी में वह मौत की पूरी प्रक्रिया के बारे में लिखते हैं। वायरस का जिक्र करते हैं। लेकिन शैली में कौन सा वायरस मौजूद था, यह बात नहीं लिखी गई है। 9 मई को आखरी बार शैली का कोरोनावायरस टेस्ट करवाया गया था, जो नेगेटिव आया। उसके बाद 15 दिनों तक शैली का कोरोनावायरस टेस्ट क्यों नहीं करवाया गया। शैली के 5-6 साथी पुलिसकर्मी कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में शैली का इलाज "हाई इंडेक्स और सपिशियन" के आधार पर किया जाना चाहिए था।"

डॉ विजय गुर्जर कहते हैं, "अगर बार बार भी शैली की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आती रहती तो भी कोरोनावायरस के संक्रमण का शक बरकरार रहना चाहिए। शैली की डेथ समरी में जो लक्षण लिखे गए हैं, उसके जैसे लक्षणों वाले तमाम मरीज एम्स में कोरोनावायरस से पीड़ित होकर आ रहे हैं। कोरोना वायरस ब्रेन स्ट्रोक की वजह बन रहा है। पैरालाइसिस की वजह बन रहा है। ऐसे में कैसे खारिज किया जा सकता है, कैसे कहा जा सकता है कि शैली को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ था।"

दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के तमाम सामाजिक और किसान संगठनों ने शैली बैसला के परिजनों को सहायता करने की मांग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है। किसान एकता संघ के सतीश कनारसी, भाकियू अंबावता के कृष्ण नागर और करप्शन फ्री इंडिया के प्रवीण भारतीय और दिनेश नागर सहित दर्जनभर संगठनों के प्रतिनिधियों ने शैली बैसला के परिवार को आर्थिक सुरक्षा और कोरोना योद्धा का दर्जा दिए जाने की मांग की है।

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