Tricity Today | आम्रपाली और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
आम्रपाली बिल्डर पर अरबों रुपए बकाया होने के बावजूद उससे वसूली नहीं करने वाले और बकायादार बिल्डर को नियम-कायदों से इतर लाभ पहुंचाने वाले ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। बकाया होने के बाद भी आम्रपाली बिल्डर को तमाम तरह की अनुमति देने के मामले में बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तीन सहायक (असिस्टेंट) निलंबित कर दिए गए हैं। दो सहायकों पर अभी कार्रवाई नहीं की गई है। सभी के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आम्रपाली बिल्डर पर 3,600 करोड़ रुपये बकाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। विकास प्राधिकरण का बकाया यह पैसा फंस गया। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच करवाई। बकाया वसूली किए बिना बिल्डर को जमीन गिरवी रखने, दूसरे बिल्डरों को जमीन बेचने और तमाम तरह की दूसरी सुविधाएं दी गई हैं। यह सबकुछ विकास प्राधिकरण के नियमों के विरुद्ध किया गया है।
शासन की जांच रिपोर्ट में अफसरों और कर्मचारियों समेत 8 लोग दोषी पाए गए। इसमें एक तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दोषी पाए गए दो प्रबंधकों का यहां से तबादला हो चुका है। इन दोनों पर शासन कार्रवाई तय करेगा। इसके अलावा मामले में शामिल पांच सहायकों मनोज कुमार, कैलाश चंद्र, शशि कुमार, नंदन प्रसाद आर्य और श्याम सुंदर पर कार्रवाई के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को अधिकृत कर दिया गया।
सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि तीन सहायकों को निलंबित कर दिया गया है। दो सहायकों ने अपना पक्ष रखा और बताया कि उनका इसमें कोई लेना देना नहीं है। इन तीनों सहायकों के पक्ष के सापेक्ष जांच करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।