नोएडा: ड्राइंगरूम में बैठा था परिवार, छत भरभराकर गिरी, शहर की पॉश हाउसिंग सोसायटी में हादसा

नोएडा | 4 साल पहले | Testing

Tricity Today | ड्राइंगरूम में बैठा था परिवार, छत भरभराकर गिरी, शहर की पॉश हाउसिंग सोसायटी में हादसा



ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटीज में घटिया निर्माण के टूटने, उखड़ने और गिरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब ठीक ऐसा ही मामला नोएडा में भी सामने आया है। नोएडा की एक पॉश हाउसिंग सोसाइटी में शुक्रवार की दोपहर एक घटना में परिवार बाल-बाल बच गया। परिवार के सदस्य फ्लैट के ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे। तभी अचानक छत से प्लास्टर भरभरा कर गिरा। सोफे के सामने रखी मेज टूट गई। पूरा परिवार दहशत की गिरफ्त में है। मामले की शिकायत बिल्डर से की गई है। हालांकि पीड़ित परिवार का कहना है कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जिस वक्त यह घटना हुई दंपति ड्राइंग रूम में बैठकर टीवी देख रहे थे।

नोएडा के सेक्टर-74 की कैपटाउन हाउसिंग सोसायटी में शुक्रवार की दोपहर यह हादसा हुआ है। सोसायटी के टावर नंबर सीबी टू में विनोद जावेद का फ्लैट है। वह शहर की किसी दूसरी हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं। उन्होंने यह फ्लैट किराए पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर रविंद्र को दिया हुआ है। रविंद्र अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। रविंद्र मूल रूप से मध्य प्रदेश में ग्वालियर शहर के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी नीलम भी एक सिविल इंजीनियर हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की दोपहर रविन्द्र और नीलम ड्राइंग रूम में अपने सोफे पर बैठे हुए थे और टीवी देख रहे थे। इसी दौरान अचानक छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिरा। पूरा मलबा सोफे और मेज पर आकर गिरा। इस हादसे में रविंद्र और नीलम किसी तरह बाल-बाल बचे हैं। सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि बिल्डर ने सोसाइटी का निर्माण बेहद घटिया ढंग से किया है। सोसाइटी में छत से प्लास्टर टूटकर गिरने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। हर महीने ऐसे 4-5 हादसे हो जाते हैं।

सोसायटी के निवासियों का कहना है कि इस बारे में बिल्डर से तमाम बार शिकायत की गई है, लेकिन उसकी तरफ से कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। नोएडा विकास प्राधिकरण को भी इन हादसों के बारे में जानकारी दी गई है। सोसायटी के कंस्ट्रक्शन का ऑडिट करवाने की मांग की गई है। पिछले एक साल के दौरान कई बार यह शिकायत प्राधिकरण से की जा चुकी है। अब तक प्राधिकरण में कोई समाधान नहीं किया है। जिसकी वजह से सोसाइटी में रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। निवासियों को लगता है कि उनकी छत भी टूट करने गिर जाए।

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