Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
शाहदरा ड्रेन के ऊपर 5.5 किलोमीटर लंबी चीला एलिवेटेड रोड ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए बहुत मददगार साबित होगी। इसके बनने के बाद ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के बीच आवागमन करने वालों को नोएडा में नहीं घुसना पड़ेगा। हालांकि, एक बाधा के चलते इस एलिवेटिड रोड के निर्माण में देरी हो रही है। लेकिन, नोएडा प्राधिकरण का दावा है कि बहुत जल्दी सारी समस्याएं दूर हो जाएगी और निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ लेगा।
दरअसल, इस एलिवेटिड रोड का निर्माण करने के लिए करीब 4,000 पेड़ काटने पड़ सकते हैं। नोएडा प्राधिकरण अभी एक ऑन-साइट सर्वेक्षण कर रहा है, जो यह बताएगा कि इस परियोजना के लिए कितने और कौन कौन से पेड़ काटने जरूरी है। उसके बाद वन विभाग की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए पेड़ों की संख्या और प्रजातियों की सटीक जानकारी मिलेगी।
गौतमबुद्ध नगर के डीएफओ पीके श्रीवास्तव ने कहा, “नोएडा प्राधिकरण और वन विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम शिफ्ट किए जाने वाले पेड़ों की संख्या की गणना करने के लिए एक साइट सर्वे कर रही है। जल्द ही रिपोर्ट आने की संभावना है। एक बार निरीक्षण पूरा हो जाने के बाद हम पेड़ों को शिफ्ट करने की अनुमति लेंगे।"
डीएफओ ने आगे कहा, “हमें हाल ही में इन पेड़ों को स्थानांतरित करने की अनुमति देने के लिए एक आवेदन मिला है। संयुक्त निरीक्षण समाप्त होने से पहले हम प्रजातियों के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते। सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद ही हम बता सकते हैं कि कितने पेड़ रिलोकेट किए जा सकते हैं या काटे जा सकते हैं।"
एलिवेटेड रोड, शाहदरा ड्रेन के ऊपर बनाने का प्रस्ताव है, जो दिल्ली के चिल्ला गांव से शुरू होगा और नोएडा के सेक्टर-94 में महामाया फ्लाईओवर पर समाप्त होगा, जहां ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे शुरू होता है। इसके बन जाने से नोएडा और दिल्ली के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी।
यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग) सेंटर (UTTIPEC) से सशर्त स्वीकृति मिलने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने जनवरी 2019 में इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए कार्यबल जुटाना शुरू कर दिया था। शर्त यह थी कि दिल्ली रोड और दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल मार्ग के अलाइनमेंट को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।
दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के संरेखण और गाजीपुर में चिल्ला से गुजरने वाली डीएनडी रोड के लिए एक और सड़क के मार्ग को सितंबर 2019 में अंतिम रूप दिया गया। नवंबर अंत तक प्राधिकरण ने काम शुरू कर दिया, लेकिन इसकी गति धीमी हो गई क्योंकि नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्ध नगर जिला वन विभाग ने इस परियोजना के मार्ग पर पेड़ों को स्थानांतरित नहीं किया है।
इस एलिवेटेड रोड को तीन साल में पूरा किया जाना था, लेकिन अब इसमें चार साल लग सकते हैं। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि कोई देरी नहीं होगी। नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने कहा, “काम में देरी नहीं होगी क्योंकि दिल्ली की तरफ काम पूरे जोरों पर है। अन्य साइटों पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा।"
शाहदरा नाले का स्वामित्व दिल्ली सरकार के पास है, लेकिन यह नोएडा से होकर गुजरता है। इस नाले के साथ सेक्टर 15A, 14A, 14, 15, 16, 16A और 38A स्थित हैं। यह नाला दिल्ली के सीवेज को यमुना में ले जाता है। अब तक वाहन 2 किमी के हिस्से पर भीड़ का सामना करते हैं जो पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार -1 को नोएडा एक्सप्रेस वे से जोड़ता है। जो सेक्टर 14 ए, 15 ए और 16 ए से गुजर रहा है।