कानपुर : सफलता हासिल करने के लिए समुद्र मंथन की तरह ही मन का मंथन भी करना है जरूरी

न्यूज़ | 3 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | सफलता हासिल करने के लिए समुद्र मंथन



समाज में जिसका तिरस्कार होता है। उसे ही परमात्मा का साक्षात्कार होता है। जीवन में शिक्षा और दीक्षा दोनों की आवश्यकता है। समुद्र मंथन का प्रसंग व्यक्ति को यह सिखाता है कि वह जितना अपने मन का मंथन करेगा उतना ही वह अन्य व्यक्तियों के मुकाबले समस्याओं का समाधान अधिक हासिल कर सकेगा।

यह ज्ञान वृंदावन से आए कथावाचक दीपक कृष्ण जी शास्त्री ने भागवत कथा के दौरान भक्तों को दिया। कानपुर के निराला नगर स्थित राम मानस मंदिर में चल रही भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि व्यक्ति को आत्मचिंतन करना बेहद जरूरी है। आत्म चिंतन से वह किसी भी समस्या का उचित समाधान तलाश सकेगा। इसके अलावा आत्म चिंतन से व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे कार्य के बीच अंतर भी समझ सकेगा। इससे व्यक्ति समाज में अन्य व्यक्ति से अलग अपनी छवि विकसित कर सकेगा। आत्म चिंतन और मन के मंथन से वह किसी भी दूसरे व्यक्ति की तुलना में अधिक सफलता हासिल कर सकेगा। कथा के दौरान भक्तों के बीच प्रसन्न से जुड़ी विभिन्न झांकियां भी प्रस्तुत की गई।

इन झांकियों में वामन अवतार की झांकी भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र रही। कथा में भक्तों से समाज सेवा का भी संकल्प लिया गया। उन्हें यह बताया गया कि यदि वे समाज के बुजुर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता करेंगे तो यह भी एक तरह की कृष्ण भक्ति का ही रूप होगा। कथा के दौरान भक्तों ने वृंदावन से आए कथावाचक दीपक कृष्ण शास्त्री का 501 किलो फूल बरसा कर स्वागत भी किया।

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