BIG NEWS: राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बनेगा ट्रामा सेंटर

Google Image | GIMS Greater Noida



ग्रेटर नोएडा में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में ट्रामा सेंटर खोलने की शासन ने मंजूरी दे दी है। इससे गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अब निजी अस्पतालों में या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। अगले 6 महीने में ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रामा सेंटर के लिए शासन ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। संस्थान में मरीजों की बेहतर देखभाल और उपचार के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों के अतिरिक्त पद सृजित करने पर सहमति बन गई।

ये फैसले गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में जिम्स की चतुर्थ गवर्निंग बॉडी की ऑनलाइन बैठक में लिए गए। बैठक देर रात तक चली। जिम्स के निदेशक डॉ ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने सभी को अवगत कराया कि जिले के गंभीर मरीजों के लिए सरकारी ट्रामा सेंटर नहीं है। लोगों को दिल्ली के अलावा निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है। ऐसे में यहां ट्रामा सेंटर होना चाहिए। मुख्य सचिव ने ट्रामा सेन्टर बनाने की सहमति दे दी। इसके अलावा संस्थान में अस्पताल प्रबंधन विभाग खोलने तथा गुणवत्ता पूर्ण उपचार के लिए अस्पताल को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता लेने की मंजूरी दी। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव वित्त, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ. केके गुप्ता, ग्रेनो प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र भूषण आदि उपस्थित रहे।

ये सुविधाएं होंगी ट्रामा सेंटर
इस ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा। ट्रामा सेंटर में एक ही छत के नीचे लगभग सभी मेडिकल सुविधाएं मिल जाती हैं। यहां पर गंभीर रूप से घायल मरीजों को लाया जाता है। ट्रामा सेंटर में आईसीयू, वेंटिलेटर, एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि की सुविधा रहती है। यहां पर 24 घंटे सुविधाएं मिलती हैं। ट्रामा सेंटर में हड‘डी रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिक, सामान्य सर्जन, ईएनटी, आई सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ आदि की तैनाती होगी।

बोर्ड बैठक में ये फैसले भी लिए गए हैं
निदेशक के अनुरोध पर संस्थान में सुपर स्पेस्लिस्ट विशेषज्ञों को बतौर विजिटिंग फैकल्टी बुलाने की मंजूरी मिल गई। इससे छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ गम्भीर मरीजों को उपचार में लाभ मिलेगा। संस्थान में मरीजों की और बेहतर देखभाल व उपचार हेतु सीनियर रेजीडेन्ट के अतिरिक्त पद सृजित करने के निर्देश दिये। साथ ही संस्थान को पैरा मेडिकल छात्रों के लिए इन्टर्नशिप व एनएचएम सम्बंधी प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में सहमति बनी। संस्थान में चल रहे कोविड सम्बंधी व अन्य शोध कार्यों को देखते हुए संस्थान में मेडिकल रिसर्च यूनिट बनाये जाने सहमति बनी। बैठक में मुख्य सचिव ने संस्थान में क्रय किये गये उपकरणों की जानकरी ली और आवंटित बजट का पूरा उपयोग करने के लिए कहा।

कोविड मरीजों के इलाज की सराहना की
मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी ने कोविड-19 महामारी के दौरान किये जा रहे उपचार एवं देखभाल के लिए संस्थान की सराहना की। मुख्य सचिव ने कहा कि संस्थान में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए। शासन द्वारा आवंटित धनराशि का सदुपयोग करते हुए अधिक से अधिक लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

जिम्स के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्तावन कहा, "जिम्स में ट्रामा सेंटर खोलने की अनुमति मिल गई है। अब इसका प्रस्ताव बनाकर आगे की कार्रवाई करेंगे। उम्मीद है कि अगले छह महीने में यह बनकर तैयार हो जाएगा। यह ट्रॉमा सेंटर बनने से जिले के लोगों को बड़ा लाभ होगा।"

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