नोएडा और गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर नहीं खोलने की बड़ी वजह यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताई, आप भी जान लीजिए

Tricity Today | Delhi-Noida Border



दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच सीमाएं सील रखने को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। पिछले सप्ताह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्यों को मिल बैठकर बात करने और इसका एक सर्वमान्य समाधान निकालने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि एक कॉमन पास सिस्टम विकसित कर लिया जाए, जिसके जरिए पूरे एनसीआर में व्यक्ति आवागमन कर सके। अब शुक्रवार की सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद और नोएडा में दिल्ली के बॉर्डर सील रखने की बड़ी वजह बताई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बाकायदा आंकड़े पेश करके सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि दिल्ली में गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के मुकाबले 40 गुना ज्यादा संक्रमण है। दोनों जिलों में अब तक मिले संक्रमित लोगों में 40 फ़ीसदी दिल्ली में आवागमन के कारण संक्रमित हुए हैं। ऐसे में अगर बॉर्डर से प्रत्येक व्यक्ति को सामान्य रूप से आवागमन की अनुमति दे दी गई तो नोएडा और गाजियाबाद में संक्रमण बहुत तेजी के साथ फैल सकता है। जिसे नियंत्रित करना आसान नहीं होगा। 

यही वजह है कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के जिलाधिकारी बॉर्डर को सील रखना चाहते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला भी सुप्रीम कोर्ट में दिया है। आपको बता दें कि लॉकडाउन-3 में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई और गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने दिल्ली बॉर्डर सील कर दिए थे। केवल पास धारकों और आवश्यक सेवाएं देने वालों को निर्बाध आवागमन की मंजूरी दी गई है, जो बदस्तूर जारी है। 

गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की देखादेखी हरियाणा के फरीदाबाद और गुड़गांव जिलों में भी बॉर्डर सील कर दिए गए। इसे लेकर दिल्ली के लोग लगातार विरोध जाहिर कर रहे हैं। हालांकि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो दिल्ली बॉर्डर सील करने का विरोध करते हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू की है।

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