10 Accused Of Gang Who Charged Huge Amount With Guarantee Of Passing The Competitive Examinations Of Various States Were Arrested Know How Much The Deal Used To Be Done
बड़ा खुलासा : नोएडा में गिरफ्तार हुआ मुन्ना भाइयों का गैंग, 25 से 40 लाख रुपए में बनवा रहे थे एसडीएम-डीएसपी
Gautam budh Nagar News: प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी की जगह अन्य लोगों को बैठाकर परीक्षा पास कराने के एवज में मोटी रकम वसूलने वाले सॉल्वर गैंग के 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से करीब 9 लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट करवाते थे। साथ ही परीक्षा में परीक्षार्थी के स्थान पर सॉल्वर गैंग के सदस्य को बैठाकर पास करवाने की गारंटी लेते थे। आरोपी इसके लिए मोटी रकम वसूल करते थे। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन द्वारा आयोजित कांस्टेबल (जीडी) भर्ती परीक्षा 1 नवंबर को विभिन्न केंद्रों पर आयोजित होनी थी। इस दौरान कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के त्रिफला पार्क के पास सॉल्वर गैंग 10 सदस्य खड़े हैं जो पेपर आउट करवा कर लोगों को देने वाले हैं। इस पर पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एडीसीपी नोएडा जोन रणविजय सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपियों का नेटवर्क राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बंगाल और बिहार तक फैला हुआ है। यह लोग करीब ढाई साल से विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करवाते थे और परीक्षा में शामिल होने वाले व्यक्तियों के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को बैठा कर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। यह लोग परीक्षा में पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलते थे। यह लोग अलग-अलग परीक्षा के पेपर आउट कराने के एवज में एसएससी की मल्टीटास्किंग (नॉन टेक्निकल) स्टाफ परीक्षा के लिए 35 लाख रुपये, राजस्थान राज्य विद्युत प्रशासन निगम लिमिटेड के लिए 30 लाख रुपये, National Eligibility Cum Entrance Test (UG) के 30 लाख रुपये, इंडियन कोस्ट गार्ड डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के 25 लाख रुपये, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड सीधी परीक्षा के 35-40 लाख रुपये, हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन के 40 लाख रुपये व राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के 50 लाख रुपये लेते थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 1 नवंबर को होने वाली हरियाणा पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में इन लोगों ने अभ्यर्थी दीपक के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को बैठाने की तैयारी की थी। इसके लिए इनके द्वारा दीपक केके एडमिट कार्ड पर उसका फोटो भी लगाया गया था। इनके पास से मिली चैट से सैंपल पेपर भी प्राप्त हुआ है जो इनके द्वारा एक दूसरे व्यक्ति को भेजा गया था। आरोपियों के पास से विभिन्न परीक्षाओं से संबंधित 28 एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं। आरोपियों की पहचान उमेश कुमार, लाखन सिंह, विरेंद्र यादव, अभिनव कुमार, लायक, सतनाम, सुनील कुमार, जितेंद्र यादव, महिपाल और विकास शर्मा के रूप में हुई है।
इसमें उमेश कुमार, अभिनव कुमार और विरेन्द्र यादव पेपर आउट कराने का काम करते थे। वहीं सतनाम सिंह, सुनील कुमार, महीपाल यादव और विकास शर्मा आउट हुए पेपर को खरीद कर अभ्यर्थियों को मोटी रकम लेकर बेच देते थे। लाखन सिंह और लायक दोनों गैंग के बीच मीडियेटर का काम करते थे। जितेंद्र अभ्यर्थी था जो आउट पेपर खरीदने आया था। आरोपियों के पास से पुलिस ने 9 लाख 15 हज़ार रुपये, यश बैंक के 2-2 लाख रुपये के दो चेक, एक बलेनो और एक स्विफ्ट कार, 14 मोबाइल फोन, 28 एडमिट कॉर्ड और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की केके प्रेस विज्ञप्ति बरामद हुई है। पुलिस गिरफ्तार अरोपियों से पूछताछ कर गैंग के उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।