बड़ी खबर : नोएडा ट्विन टावर की तर्ज पर गिराई जाएगी गुरुग्राम की 7 इमारतें!, इन लोगों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

नोएडा | 2 साल पहले | Sneha Mishra

Tricity Today | File Photo



Noida/Gurugram News : नोएडा के सुपरटेक के ट्विन टॉवर के बाद अब गुरुग्राम के 7 टावरों को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचिका में बताया गया है कि गुरुग्राम के सेक्टर-37डी में स्थित एनबीसीसी के टावरों को कई सरकारी एजेंसियों ने रहने के लिए खतरनाक बताया है। 

गुरुग्राम के 7 टॉवर को गिराने की याचिका 
नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर की तरह गुरुग्राम के 7 टावरों को गिराने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। लोगों का कहना है कि गुरुग्राम के इन 7 टावरों का भी वहीं हाल होगा, जो नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर का हुआ था। सीवीसी, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रुड़की, सीबीआरआई रुड़की, डीडीएमए और डीटीसीपी ने गुरुग्राम के सेक्टर-37डी में स्थित एनबीसीसी के इन टावरों को खतरनाक घोषित किया है।

2012 में बना आवासीय सोसायटी
नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन द्वारा साल 2012 में ग्रीन व्यू नामक आवासीय सोसायटी प्रोजेक्ट लांच किया गया था। यह प्रोजेक्ट गुरुग्राम के सेक्टर-37डी के 18 एकड़ जमीन पर बनाई गई थी। ग्रीन व्यू नामक इस आवासीय सोसाइटी में 14-14 मंजिल के 7 टॉवर बनाए गए हैं, जिसमें कुल 784 फ्लैट हैं। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान 260 खरीददारों ने 66-66 लाख रुपए में फ्लैट बुक कराए थे। साल 2018 में खरीददारों को फ्लैट पर पजेशन दे दिया गया। हालांकिए उसी साल लोग बिल्डिंग की खराब हालत देखकर शिकायत करने लगे।

टॉवर गिराने पर सरकारी खजाने का नुकसान
गुरुग्राम में स्थित ग्रीन व्यू प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए इन सभी टावरों में अनुच्छेद 32 के तहत सीबीआई जांच की मांग की गई। इसके साथ ही याचिका में घर खरीदने वालों को पर्याप्त मुआवजा और धनवापसी की भी मांग की गई। इस आवासीय सोसाइटी में मौजूद 784 फ्लैट को गिराने के लिए सरकारी धन से करीब 700 करोड़ रुपए का के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। यह परियोजना रिटायर्ड सरकारी अधिकारियों के लिए शुरू की गई थी। इसमें कई रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों ने फ्लैट खरीदे हैं।

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