Noida Twin Tower : इस तरीके से 30 दिन में होगा 75% मलबे का निस्तारण, अफसरों ने बनाया खास प्लान

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | File Photo



Noida : ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद अब 80 हजार टन मलबे के निस्तारण किया जा रहा है। इसमें से 50 हजार टन मलबा बेसमेंट में भरकर निस्तारण किया जाएगा। बाकी 30 हजार टन मलबे को यहां से दूसरे स्थान पर भेजा जाएगा। जिम्मेदार एजेंसी का दावा है कि एक महीने के भीतर 15 हजार टन मलबे का निस्तारण हो जाएगा। आगामी 1 अक्टूबर 2022 से जिले में ग्रेप लागू होने वाला है। प्रयास है कि उससे पहले ही ज्यादा से ज्यादा मलबे का निस्तारण किया जाए। यह मलबा नोएडा के सेक्टर-80 में स्थित कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्लांट में भेजा जाएगा। वहां पर इसका निस्तारण किया जाएगा। 

इंद्रदेव ने दी प्रदूषण से राहत
बीती रात को नोएडा समेत पूरे एनसीआर में तेज बारिश हुई थी। तेज बारिश की वजह से नोएडा वालों को सबसे ज्यादा राहत मिली है। आपको बता दें कि ट्विन टावर टूटने के बाद आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया था, लेकिन बीती रात को बारिश होने के कारण धूल आसानी से जमीन पर बैठ गई और काफी हद तक प्रदूषण से राहत मिली है। लोगों का कहना है कि इंद्रदेव ने बारिश करके बड़ी राहत दी है। इसी के साथ नोएडा अथॉरिटी को भी काफी राहत मिली है।

प्रदूषण से निपटने के इंतजाम
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए नोएडा अथॉरिटी ने काफी सख्त जाम किए हैं। साफ-सफाई के लिए करीब 500 मजदूरों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 100 वाटर टैंक के माध्यम से प्रदूषण पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा 22 एंटी स्मॉग गन मशीन और 6 स्विमिंग मशीन भी लगाई गई है। नोएडा अथॉरिटी के उच्च अधिकारी दिनभर मौके पर तैनात रहते हैं। पूरा कार्य नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी की निगरानी में क्या जा रहा है।

धमाके के बाद 6 गुना बढ़ा प्रदूषण का स्तर 
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद करीब 6 गुना प्रदूषण का स्तर बढ़ गया था। धमाके से पहले ट्विन टावर के पास AQI 108 दर्ज किया गया था, लेकिन धमाके के बाद यह बढ़कर 676 तक पहुंच गया था। जिसकी वजह से आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीती रात को बारिश होने के बाद ट्विन टॉवर्स के आसपास प्रदूषण का स्तर काफी हद तक कम हुआ है और लोगों ने राहत की सांस ली है। फिलहाल सभी लोगों को मास्क लगाने के लिए कहा गया है। कुछ अस्पतालों में स्पेशल वार्ड भी बनाए गए हैं। अगर ट्विन टावर के आसपास रहने वाले व्यक्ति को दिक्कत होती है तो वह डॉक्टरों से संपर्क कर सकता है।

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