चिंताजनकः गौतमबुद्ध नगर में 80 फीसदी कोरोना मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, अध्ययन में हुए चौंकाने वाले खुलासे

नोएडा | 4 साल पहले |

Google Image | 80 फीसदी कोरोना मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई



पिछले साल से ही कोरोना वायरस के स्ट्रेन को लेकर सैकड़ों अध्ययन रिपोर्ट आ चुकी हैं। लेकिन इस बार कोरोना का स्ट्रेन पहली लहर के मुकाबले बिलकुल जुदा है। दूसरी लहर का कोरोना वायरस फेफड़ों के साथ-साथ सांस और दिल पर भी हमला कर रहा है। इसके चलते मौत की वजहें हैरान करने वाली हैं। गौतमबुद्ध नगर में बीते बुधवार तक कोरोना संक्रमण से 271 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा (करीब 200) मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में कोरोना तेजी से फैल रहा है। पिछले तीन हफ्तों में करीब 125 लोगों की मौत हो चुकी है।

मृतकों की रिपोर्ट का अध्ययन करने से पता चला है कि सभी को सांस लेने में गंभीर परेशानी हुई। उन्हें निमोनिया ने भी जकड़ा। मरीजों को दिल में दिक्कत हुई। दरअसल ज्यादातर मरीज सांस नहीं ले पा रहे थे। इस वजह से हर्ट की समस्या हुई। कम ऑक्सीजन मिलने से दिल पर दबाव तेजी से बढ़ता चला गया। इसके दुष्परिणाम के तौर पर मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ और उनकी जान चली गई। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर लगातार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इससे मरीज के दिल, दिमाग और शरीर के अन्य अंग अच्छी तरह काम करेंगे।

कम ऑक्सीजन मिलने से दिल ने धड़कना बंद किया 
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन फेफड़ों को कमजोर कर शरीर में ऑक्सीजन की उपस्थिति को प्रभावित कर रहा है। सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ रेणू अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की वजह से हुई मौतों का विश्लेषण किया गया। ज्यादातर मरीजों को दिल का दौरा पड़ा था। दरअसल ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल पर अधिक दबाव बढ़ता जाता है। ऐसे मरीजों को बेहतर इलाज दिया गया। लेकिन धमनियों में पर्याप्त ऑक्सीजन न पहुंचने की वजह से काफी मरीजों को हार्ट अटैक हुआ और उनकी मौत हो गई।

इस वजह से दिल के लिए खतरनाक है कोरोना वायरस - 
  1. कोरोना वायरस की वजह से धमनियों पर सूजन आ जाती है। इससे रक्त प्रवाह की गति कम हो जाती है।
  2. दिल में रक्त के थक्के जमने की समस्या बढ़ सकती है।
  3. इससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
  4. ऐसी हालत में ब्लड प्रेशर बढ़ना या घटना जानलेवा हो जाता है।
  5. दिल की नली कमजोर होने से रक्त प्रवाह कम हो सकता है।  
गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने इन तथ्यों पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि जनपद में अब तक हुई मौतों के अध्ययन से कुछ चौंकाने वाले तथ्यों का पता चला है। उन्होंने कहा, ''कोरोना संक्रमितों में 80 फीसदी मरीज ऐसे रहे हैं, जिनमें हर्ट अटैक व हृदय संबंधी परेशानियां नोटिस की गईं। इस वजह से भी भारी संख्या में लोगों की जान जा रही है। लोगों को इस जानलेवा वायरस से ठीक होने के बाद भी सावधानी बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।”
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