Noida News : नोएडा में नामचीन बिल्डरों के खिलाफ आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई एक हफ्ते से जारी है। इस कार्रवाई में बिल्डरों के ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इसमें करीब एक हजार से अधिक लोगों के प्रोजेक्ट में निवेश के करार पत्र मिले हैं। इन पत्रों में अधूरे नाम लिखे गए हैं। जांच के दायरे में दिल्ली-एनसीआर के 200 उद्योगपतियों के नाम सामने आए हैं। अब इन उद्योगपतियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इनसे भी पूछताछ की जाएगी। बताया जा रहा कि इन लोगों ने एक से लेकर पांच करोड़ रुपये तक प्रोजेक्ट की दुकानों, ऑफिस के स्थान और अन्य में निवेश किए हैं। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
दस्तावेजों की जांच जारी
भूटानी, एडवेंट, लॉजिक्स और ग्रुप-108 (Bhutani, Advent, Logix, Group-108) बिल्डर के यहां सात दिन पहले रेड डाली गई थी। नोएडा के अलावा गुरुग्राम, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी बिल्डर के कार्यालयों और प्रोजेक्ट साइट पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। वहीं, जिन लोगों के बिल्डर प्रोजेक्ट में निवेश के करार पत्र जब्त किए गए हैं, उनमें से किसी भी करार पत्र में निवेशक का पूरा नाम नहीं लिखा गया है। करार पत्र में उनके द्वारा निवेश की गई रकम की जानकारी लिखी हुई है, लेकिन रकम किस रूप में ली गई है, इसकी जानकारी नहीं लिखी है। नाम स्पष्ट न लिखने की वजह इन लोगों की जानकारी गुप्त रखना है। इनके बारे में बिल्डर, अधिकारियों और स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।
800 करोड़ की लेनदेन
आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं कि जांच में 800 करोड़ के अघोषित लेनदेन की हार्ड डिस्क और दस्तावेजों में जानकारी मिल चुकी है। वहीं, चार करोड़ रुपये की नकदी और तीन करोड़ रुपये की ज्वैलरी जब्त की गई है। बिल्डर यह रकम कहां से आए, इसकी जानकारी नहीं दे सका है। बताया जा रहा है कि कमर्शियल प्रॉपर्टी में 40 फीसदी नकदी खपाने की जानकारी मिलने के बाद इनकम टैक्स विभाग ने एक्शन शुरू किया है। करोड़ों के कैश और कई सौ करोड़ के कैश ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स विभाग के हाथ लगी है। छापेमारी के दौरान किसी को बाहर से अंदर या अंदर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। सभी लोगों के फोन और लैपटॉप को कब्जे में लेकर छानबीन की जा रही है। हालांकि, इस मामले में आयकर विभाग का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।