Tricity Today | वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अजित वर्मा
Noida News: एमिटी विश्वविद्यालय (Amity University) सदैव किसानों की उत्पादन को बढ़ाने और लागत को कम करने के लिए प्रयोगशाला और खेतों में प्रयोग को प्रोत्साहित करती है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नालॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अजित वर्मा द्वारा खोज की गई फसलों की उत्पादकता बढ़ाने वाले जादूई कवक रूटोनिक - पीरीफार्मोस्पोरा इंडिका को बुलंदशहर के औरंगाबाद अहिर गांव के किसानों को धान एवं गन्ने की फसल के लिए प्रदान किया गया था।
आज संस्थान के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अमित खरकवाल के नेतृत्व में 10 शिक्षकों और 19 पीचडी छात्रों, शोधार्थियों की टीम ने खेत में परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि फसलों के सकरात्मक और बेहतर विकास के नतीजे प्राप्त किये गये हैं। खेती में उपयोग करने वाले कृषक सुधीर कुमार और नकुल ने बताया कि उन्होनें धान 1509 और शरबती में इसका उपयोग किया है। जिससे इस बार कीड़े लगने की समस्या बहुत कम हो गई है। इससे कीटनाशक और अन्य दवाओं के छिड़काव का खर्चा कम हुआ है और कम लागत भी लगी है। उन्होनें कहा कि फसलों की बढ़त सहित धान की बालियों का विकास दिख रहा है।
रूटोनिक का गन्ने की फसल में उपयोग करने वाले कृृषक सुरेद्र यादव ने कहा कि उन्होनें गन्ने के दो प्रकार 15023 और 39 में इसका उपयोग किया है। जिस गन्ने की फसल में इसका उपयोग नहीं हुआ है, उसकी तुलना में रूटोनिक का उपयोग किये गये गन्ने की फसल अधिक विकसित है। गन्ने की लंबाई और मोटाई भी अधिक है। रूटोनिक के उपयोग से फसल में कीड़े नहीं लगे हैं। इससे रसायनों और कीटनाशकों पर होने वाले खर्चे में कमी आई है। आशा है कि फसल कटने पर हर वर्ष से अधिक उत्पादन प्राप्त होगा।
इस अवसर पर बुलंदशहर के औरंगाबाद अहिर गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें डॉक्टर अमित खरकवाल, डॉक्टर नवीन जोशी, डॉक्टर आरती मिश्रा सहित अन्य लोगों ने किसानों को जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर औरंगाबाद अहिर गांव के प्रधान रोहताश यादव द्वारा सभी का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में गांव के कृषक विनोद कुमार, जुडो कोच एवं कृषक कमल यादव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नालॉजी के रिसर्च एस्सिटेंट विवेक यादव उपस्थित थे।