BIG BREAKING : अखिलेश यादव को आई अपशकुनी गौतमबुद्ध नगर की याद, 10 साल बाद दादरी और नोएडा में वोट मांगेंगे

नोएडा | 3 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | अखिलेश यादव



Noida : नोएडा और ग्रेटर नोएडा को अपशकुनी बताकर यहां आने से बचने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को आखिरकार गौतमबुद्ध नगर की याद आ गई है। अखिलेश यादव गुरुवार यानी 3 फरवरी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा का दौरा करेंगे। वह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने आ रहे हैं। 3 फरवरी को अखिलेश यादव की यात्रा बुलंदशहर से शुरू होगी और दिल्ली तक जाएगी।

अखिलेश यादव मानते हैं, नोएडा आने से सत्ता चली जाती है
अखिलेश यादव मानते हैं कि उत्तर प्रदेश का जो मुख्यमंत्री गौतमबुद्ध नगर आता है, उसकी सत्ता चली जाती है। यही वजह रही थी कि वह अपने पिछले कार्यकाल के दौरान एक बार भी गौतमबुद्ध नगर की यात्रा पर नहीं आए थे। पिछले सप्ताह खबरिया चैनलों पर इंटरव्यू में भी उन्होंने यह बात कही थी। जब उनसे पूछा गया था कि वे नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्यों नहीं जाते हैं? उन्होंने कहा था, वहां जाने से कुर्सी चली जाती है। अब चुनाव है तो अखिलेश यादव को गौतमबुद्ध नगर की याद आ गई है। अखिलेश गौतमबुद्ध नगर की जनता से वोट मांगने के लिए 3 फरवरी को दादरी और नोएडा का दौरा करेंगे।

बुलंदशहर से अखिलेश यादव की यात्रा शुरू होगी
अखिलेश यादव के निजी सचिव गंगाराम की ओर से दिल्ली और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर को सूचना दी गई है। बताया गया है कि अखिलेश यादव गुरुवार की सुबह 10:30 बजे हेलीकॉप्टर से बुलंदशहर पहुंचेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए बुलंदशहर और सिकंदराबाद का दौरा करेंगे। इसके आगे वह गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी विधानसभा सीट के इलाके में दाखिल होंगे। दादरी में उम्मीदवार राजकुमार भाटी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। शाम के वक्त नोएडा पहुंचेंगे। नोएडा में सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी के लिए लोगों से वोट मांगेंगे। इसके बाद अखिलेश यादव शाम को दिल्ली अपने सरकारी आवास चले जाएंगे।

2012 में रथ यात्रा लेकर ग्रेटर नोएडा आए थे अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ठीक 10 साल बाद गौतमबुद्ध नगर आएंगे। आपको बता दें कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए अपनी बस लेकर अखिलेश यादव ग्रेटर नोएडा आए थे। वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रचार करके चले गए थे। बड़ी बात यह है कि वह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब हुए और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद अंधविश्वास का शिकार होकर अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में कभी नोएडा या ग्रेटर नोएडा नहीं आए। पिछले 5 वर्षों के दौरान विपक्ष में बैठे रहे लेकिन कभी गौतमबुद्ध नगर का रुख नहीं किया। अब ठीक 10 वर्ष बाद अखिलेश यादव फिर वोट मांगने आ रहे हैं।

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