Noida News : देश की नामचीन यूनिवर्सिटी में शुमार एमिटी यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चाओं में है। यहां पढ़ने वाले कुछ छात्र इंटरनेशनल ड्रग सिंडीकेट का हिस्सा हैं। उनके तार नोएडा से लेकर ताईवान तक जुड़े हुए हैं। ये छात्र अच्छे घराने के हैं और यहां यूनिवर्सिटी में लॉ के विद्यार्थी हैं। इस बात का खुलासा सोमवार को डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया है।
बीवी की आड़ में तस्करी करता है सरगना
डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि गैंग का सरगना अक्षय कुमार की पत्नी ताईवान में रहकर नौकरी करती है। अक्षय वहीं से समुद्री गांजा की सप्लाई करता है। दूसरा आरोपी नरेन्द्र राजस्थान से देशी गांजे की सप्लाई लाकर एमिटी यूनिवर्सिटी लेकर पहुंचाता था। फिर इस गैंग में मुख्य रूप से यूनिवर्सिटी के छात्र दर्शन, आदित्य और सतेन्द्र श्रीवास्तव के माध्यम से मादक पदार्थ की सप्लाई की जा रही थी। इस गैंग में और कितने लोग शामिल हैं, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने लिया सब्र से काम
डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि पुलिस को काफी दिनों से इस बात की शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ ड्रग तस्करों ने यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपने गिरोह का हिस्सा बना लिया है और उनकी मदद से यूनिवर्सिटी के भीतर ड्रग्स की सप्लाई करते हैं। इस इनपुट के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया। पुलिस की मंशा इस गिरोह के सफाये की थी। इसलिए जल्दीबाजी की बजाए सब्र से काम लिया गया। आखिर, पुलिस को कामयाबी मिली और गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों में चार एमिटी यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। वे देशी, विदेशी मादक पदार्थों की सप्लाई का काम करते थे। मामला कोतवाली सेक्टर-126 का है।
कई राज्यों के विद्यार्थी हैं गिरोह का हिस्सा
एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि नशीले पदार्थ बेचने वाले आरोपियों को मयूर गोलचक्कर के सामने सर्विस रोड ग्रीन बेल्ट के पास से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से अवैध शिलोंग और देशी उदयपुर गांजा 15 किलो 140 ग्राम, 30 ग्राम कोकीन, लगभग 20 ग्राम एमडीएमए (पिल्स), 150 ग्राम चरस, 65 ग्राम विदेशी गांजा आदि बरामद किए गए हैं। इसकी कीमत करीब 25 लाख रुपए बताई जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बागपत के अक्षय कुमार (सरगना), मैनपुरी के राजन सिंह, बदायूं के सतेन्द्र श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर (बिहार) के आदित्य कुमार, बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) के दर्शन, फिरोजपुर सिटी पंजाब के सागर बजाज, कौशांबी के अपूर्व सक्सेना, मेरठ के अनित सोम और झुंझनू (राजस्थान) के नरेन्द्र कुमार के रूप में हुई है। सप्लाई के लिए करते हैं सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल
एडीसीपी ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों में सागर एमिटी यूनिवर्सिटी में एमबीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। आदित्य बीए एलएलबी चतुर्थ वर्ष का छात्र है। दर्शन बीए एलएलबी तृतीय वर्ष का छात्र है और अपूर्व सक्सेना एमिटी यूनिवर्सिटी में एमबीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। ये सभी छात्र एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ ही नोएडा के अन्य शैक्षिक संस्थानों में छात्र छात्राओं को मादक पदार्थ सप्लाई करते हैं। इसके लिए ये लोग स्नैपचैट, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे करते हैं तस्करी
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि ओजी एक विदेशी गांजा है, जिसमें भारतीय गांजे से काफी अधिक नशा होता है। इसका काफी डिमांड में रहता है। ओजी गांजा की सप्लाई अभियुक्त अक्षय कुमार ताईवान से करता है। अक्षय कुमार ताईवान जाकर OG लेकर आता है और OG को प्रति ग्राम 10,000 रुपये में बेचता है। आरोपी राजन सिंह दिल्ली के तुगलकाबाद से नाईजीरियन मूल के नागरिक से एमडीएमए तथा कोकीन की सप्लाई लेता है। आरोपी अपूर्व चरस की सप्लाई करता है। यह गिरोह नोएडा में एमिटी यूनिवर्सिटी, एशियन लॉ कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों, पीजी, हॉस्टल आदि जगहों पर युवक युवतियों को मादक पदार्थों की सप्लाई करते हैं। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के अन्य सदस्य शुभम जैन उर्फ योगेन्द्र, युवराज, उपेन्द्र गाजियाबाद के नाम प्रकाश में आएं हैं। इन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा।