Noida News :  एमिटी यूनिवर्सिटी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को किया याद, जानें विशेषज्ञों ने क्या कहा 

नोएडा | 3 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | एमिटी यूनिवर्सिटी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को किया याद



Noida News : देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें सम्मान देते हुए एमिटी विश्वविद्यालय (Amity Uniersity) के एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन, एमिटी इनोवेशन एंड डिजाइन सेंटर और शिक्षा मंत्रालय के इंस्टीटयूशन्स इनोवेशन कांउसिल के सहयोग से 11 से 19 अक्टूबर तक‘‘ नवाचार सप्ताह 2021’’ का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में ‘‘ अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वित्त पोषण के अवसर’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। 

इसमें आईसीएमआर के अंर्तराष्ट्रीय स्वास्थय विभाग के प्रमुख और वैज्ञानिक डॉ मुकेश कुमार, विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के बॉयोटेक्नॉलाजी विभाग की वैज्ञानिक डॉ संगीता महेश कस्तुरे, विज्ञान और तकनीकी विभाग के इंटरनेशनल बाइलेट्रल कॉ-आपरेशन डिविजन के प्रमुख डॉ संजीव वार्ष्णेय, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती ने अपने विचार रखे। इस परिचर्चा सत्र की अध्यक्षता डॉ राजीव शर्मा ने की।

इस मौके पर डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि आईसीएमआर बॉयोमेडिकल शोध को प्रोत्साहित करता है। देश में कुल रोग आधारित विशेष 27 शोध संस्थान है। स्वास्थय शोध किसी भी देश की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की रीढ़ की हड्डी है। डॉ संगीता महेश कस्तुरे ने कहा कि नवाचार और क्षमता के विकास के लिए बहु योजना उपलब्ध है। परिवर्तनशील निराकरण, स्वच्छ उर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देगें। कम कार्बन अर्थव्यवस्था के लिए नवाचार के रिक्त स्थान को भरना होगा। डॉ संजीव वार्ष्णेय ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी विभाग, नीति निर्माण और दिशार्निदेश जारी करता है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में बहु विषयक और अंतर संस्थान क्षेत्रों में सहयोग करता है। विज्ञान और तकनीकी उद्यमिता विकास में सहयोग करता है। 

डॉ (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि नवाचार, एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्र निर्माण में किये जा रहे सहयोग की मुख्य चाबी है। किसी भी देश के विकास में नवाचार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एमिटी ने सदैव राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रीत करता है छात्रों को शोध व नवाचार के लिए प्रेरित करता है। देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नवाचार एक सार्थक प्रयास है। यह परिचर्चा सत्र अनुसंधान क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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