Waste To Wonder Park : नोएडा के चिड़ियाघर में जल्द शुरू होगा जानवरों का बसना, 500 टन कबाड़ा का होगा इस्तेमाल

नोएडा | 1 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



Noida : शहर में बनने वाले वेस्ट टू वंडर पार्क के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एजेंसी का चयन कर लिया है। यह पार्क महामाया फ्लाईओवर के पास बनने जा रहा है। पार्क में कबाड़ से बनी डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, अजगर, बंदर व चिड़ियाओं की आकृति होंगी। साथ ही यहां आने वाले लोगों के खान-पान का भी इंतजाम होगा। यह पार्क करीब 25 एकड़ जमीन पर चिड़ियाघर थीम पर बनेगा। प्राधिकरण के अनुसार, होली से पहले पार्क के निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। वेस्ट टु वंडर उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पार्क होगा। 
 
करीब 25 एकड़ में बनाया जाएगा पार्क
यह चिड़ियाघर की थीम पर बनाया जाएगा। यह पार्क करीब 25 एकड़ में बनाया जाएगा। इसमें कबाड़ से कलाकृति बनाई जाएंगी। इसमें डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, चिड़िया आदि की कलाकृति बनाई जाएंगी। इन अलावा बनारस के घाट, अयोध्या के घाट समेत अन्य चीजों को यहां आकृतियों के जरिए दर्शाया जाएगा। करीब 500 टन कबाड़ से अलग-अलग स्कल्पचर तैयार किए जाएंगे। जिसमें लोहे को प्लांट में री-साइकिल किया जाएगा। इसके बाद लोहे से पार्क में स्कल्पचर बनाए जाएंगे। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग भी किया जाएगा।

50 करोड़ रुपए खर्च
उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि वेस्ट टु वंडर पार्क का निर्माण पीपीपी मॉडल पर होगा। टेंडर में 3 एजेंसी आई थी। मानकों पर अथॉरिटी के लिहाज से सबसे खरी उतरने वाली एजेंसी का चयन किया गया है। चयन की गई कंपनी दिल्ली की है। कंपनी ने देशभर में दर्शन पार्क और वर्ल्ड ऑफ सेवन वंडर्स पार्क का निर्माण कर चुकी है। पार्क को बनाने का पूरा खर्चा एजेंसी उठाएगी। इसको बनाने में तकरीबन 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। खास बात यह भी है कि यह पार्क पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। मतलब, अथॉरिटी का कोई खर्च निर्माण में नहीं आएगा।

नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर बनेगा पार्क
नोएडा अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के कालिंदी कुंज के पास यह पार्क बनने जा रहा है। यह पार्क नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर बनेगा। यहां आसानी मेट्रो के जरिए भी पहुंचा जा सकेगा। सामने ही ओखला पक्षी विहार मेट्रो स्टेशन है। पार्क को तैयारी करने वाली कंपनी ही संचालन और मेंटीनेंस का काम देखेगी। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा।

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