Tricity Today | नोएडा एक्सप्रेसवे पर मरम्मत का कार्य
Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा को आपस में जोड़ने के लिए तीन महत्वपूर्ण रास्ते हैं। यह तीनों रास्ते इन दोनों शहरों की लाइफ लाइन हैं। फिलहाल इन तीनों मार्गों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिसकी वजह से दिन भर लोगों को ट्रैफिक जाम झेलना पड़ता है। बड़ी बात यह है कि सारे निर्माण कार्य नोएडा अथॉरिटी करवा रही है। करीब 6 महीनों से 2 साल का वक्त आम आदमी को इस परेशानी से होकर गुजरते बीत चुका है। अभी राहत मिलने में करीब एक साल का वक्त लग सकता है। हालांकि, निर्माण कार्यों के पूर्ण होने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। प्राधिकरण दावा कर रहा है कि लाखों लोगों की जिंदगी आसान बना देंगे। आम शहरी का कहना है, "इन नए निर्माण से राहत तो मिलेगी लेकिन एकसाथ तीन और मार्गों पर काम शुरू करना गलत रहा है। कम से कम एक रास्ते को निर्बाध रूप से संचालित किया जाना चाहिए था।"
1. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच सबसे सुगम मार्ग एक्सप्रेसवे है। ग्रेटर नोएडा में परी चौक से लेकर नोएडा में महामाया फ्लाईओवर तक करीब 22 किलोमीटर लंबे इस रास्ते का रोजाना लाखों वाहन चालक इस्तेमाल करते हैं। यही रास्ता यमुना एक्सप्रेसवे को नोएडा और दिल्ली से जोड़ता है। सामान्य दिनों में यह दूरी तय करने में बमुश्किल 20 मिनट लगते हैं। आजकल लोगों को एक घंटा लग रहा है। दरअसल, पिछले 6 महीनों से एक्सप्रेसवे का पुनर्निर्माण चल रहा है। जिस कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसने काम तय वक्त पर पूरा नहीं किया। पुनर्निर्माण बेहद धीमा रहा। कंपनी पर प्राधिकरण ने कई बार जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर तीन जगह अंडरपास बनाए जा रहे हैं। करीब एक साल से इन तीनों अंडरपास का निर्माण चल रहा है। इस वजह से भी ट्रैफिक में व्यवधान है। सुबह और शाम के वक्त व्यस्ततम घंटों में तो नोएडा व ग्रेटर नोएडा के बीच की दूरी तय करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
2. दादरी-सूरजपुर-छलेरा रोड
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यह सबसे पुराना रास्ता है मुगल काल से चला आ रहा यह रास्ता नोएडा के भीतरी शहरों और गांवों को ग्रेटर नोएडा सूरजपुर में दादरी से जोड़ता है इस रास्ते पर अगाहपुर से नोएडा स्पेशल इकोनामिक जोन (NSEZ) के बीच 4.5 किलोमीटर लम्बी एलिवेटड रोड बनाई जा रही है। यह नोएडा शहर की दूसरी एलिवेटेड रोड है। इसे नोएडा की नई लाइफ लाइन कहां जा रहा है। नोएडा अथॉरिटी के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने बताया कि 468 करोड़ रुपये की लागत से यह एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है। इस प्रॉजेक्ट पर जून 2020 में निर्माण शुरू किया गया था। इस साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा। राजीव त्यागी ने आगे कहा, "एलिवेटेड रोड नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच आवागमन बेहद आसान बना देगी। डिजाइन के मुताबिक चार लूप बनेंगे। यह लूप कई सेक्टर और गांव वालों को दिल्ली और एनएसईजेड के बीच का रास्ता आसान करेंगे।"
इस मार्ग पर जून 2020 से रूट डायवर्जन और ब्लॉकेज लगे हुए हैं। जिससे होजरी कंपलेक्स, एनएसईजेड और फेस-2 के औद्योगिक इलाकों में रोजाना आवागमन करने वाले कामकाजी परेशान हैं। दो दिन पहले नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने इस परियोजना का मौके पर जाकर मुआयना किया था। पंकज सिंह ने कहा, "यह एलिवेटेड रोड नोएडा वासियों के लिए नई लाइफ लाइन बनने जा रही है। यह रास्ता शहर के यातायात में रफ्तार भर देगा। इससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे। बड़ी संख्या में सेक्टरों और गांवों को दिन भर के ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। जिससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। शहर वासियों की जिंदगी और आसान होगी।
3. नोएडा-ग्रेटर नोएडा वेस्ट मार्ग
तीसरा रास्ता नोएडा में सेक्टर-71 से पृथला गोल चक्कर होते हुए हिंडन नदी पार करके गौर सिटी चौराहा पहुंचता है। गौर सिटी चौराहे से ग्रेटर नोएडा में सिरसा गांव तक 130 मीटर एक्सप्रेस-वे है। पिछले 2 वर्षों से इस मार्ग पर भी यातायात बुरी तरह प्रभावित है। इस रास्ते पर दो बड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं। इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन होकर गुजरते हैं। यह रास्ता नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद को आपस में जोड़ता है। सेक्टर-71 चौराहे को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त कर दिया गया है। यहां अंडरपास बन चुका है। अब पर्थला गोल चक्कर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए 600 मीटर लम्बा और 6 लेन चौड़ा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। यह फ्लाईओवर नोएडा अथॉरिटी बनवा रही है।
नोएडा के प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी ने कहा, "पृथला चौराहे पर बन रहे फ्लाईओवर की लागत करीब 80 करोड़ रुपये है। हमने यह काम जनवरी 2021 में शुरू किया था। इसकी डेडलाइन जुलाई 2022 में है। इसका निर्माण कार्य करीब 45% पूरा हो गया है। मुझे लगता है कि फ्लाईओवर का कंस्ट्रक्शन डेडलाइन से पहले पूरा कर लेंगे। इस रास्ते से रोजाना व्यस्ततम घंटों के दौरान 20,000 वाहन गुजरते हैं।" कुल मिलाकर साफ है कि अगले कुछ महीने यहां भी यातायात में व्यवधान बना रहेगा।
इसी रास्ते के हिस्से 130 मीटर एक्सप्रेस-वे पर ग्रेटर नोएडा शहर की सीमा में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर से जुड़ा निर्माण चल रहा है। करीब 2 साल से यूपीएसआईडीसी साइट के पास एक्सप्रेसवे के ऊपर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से यहां रूट डायवर्जन है। रोजाना बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।