Noida News : नोएडा से अच्छी खबर है। प्राधिकरण अगले महीने शहर के सेक्टर-43 में ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की ई-नीलामी करने वाला है। देश के कई शीर्ष बिल्डरों ने इस स्कीम में रुचि दिखाई है। अब तक पांच डेवलपर्स नोएडा प्राधिकरण की इस योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं। खास बात यह है कि पहली बार बिड़ला उद्योग समूह ने नोएडा में ग्रुप हाउसिंग प्लॉट में दिलचस्पी दिखाई है। आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने 10 जून 2023 को सेक्टर-43 और सेक्टर-44 में स्थित दो ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की स्कीम लॉन्च की थी। सेक्टर-43 में स्थित ग्रुप हाउसिंग प्लॉट 41,145 वर्ग मीटर का है और सेक्टर-44 में 13,800 वर्ग मीटर का है।
बिड़ला ग्रुप पहली बार शहर में आया
नोएडा अथॉरिटी से मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर-43 वाले ग्रुप हाउसिंग प्लॉट के लिए लगाई गई बोलियों की स्क्रीनिंग चल रही है। यह प्रक्रिया पूरी करने में लगभग एक पखवाड़ा लग सकता है। प्राधिकरण के एक जिम्मेदार टॉप अफसर ने कहा, "हमें इस प्लॉट के लिए पांच बोलियां प्राप्त हुई हैं। कुछ शीर्ष डेवलपर्स ने आवेदन किया है। इनमें मैक्स ग्रुप (मैक्स एस्टेट), बिड़ला ग्रुप और गौर संस शामिल हैं। यह पहली बार है, जब बिड़ला समूह ने नोएडा में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किया है। इस समूह की अब से पहले में मौजूदगी नहीं है।"
नई भूखंड आवंटन नीति फायदेमंद और पारदर्शी
उन्होंने आगे कहा, "सेक्टर-44 वाले ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की नीलामी में समय लग सकता है, क्योंकि उस प्लॉट के लिए पर्याप्त बोलियां नहीं मिली हैं। सेक्टर-44 में प्लॉट की स्कीम को 14 दिन का रोलओवर दिया गया है। यह समय बीतने के बाद दूसरा रोलओवर दिया जाएगा। अगर दोनों रोलओवर में नए आवेदक नहीं आए तो जिस कंपनी ने अभी बोली लगाई है, उसे आवंटन कर दिया जाएगा। नए भूमि आवंटन नियम अथॉरिटी और बिल्डरों, दोनों के लिए फायदेमंद हैं। जिसका लाभ मिल रहा है।" आपको बता दें कि अथॉरिटी ने भूमि खरीद के लिए एकमुश्त भुगतान योजना शुरू की है। जिसके बाद प्राधिकरण में भूखंड आवंटन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो गई है। अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले बिल्डर आगे आ रहे हैं।
पुरानी और नई आवंटन नीतियों में बड़ा फर्क
वर्ष 2010 में नोएडा प्राधिकरण की भूखंड आवंटन नीति में बदलाव किया गया था। जिसके तहत बिल्डरों को केवल 5 प्रतिशत पजीकरण राशि और 5 प्रतिशत आवंटन राशि का भुगतान करना पड़ता था। शेष 90 प्रतिशत का भुगतान 7-8 वर्षों में निर्धारित तरीके से किया जाना था। जिसके कारण डेवलपर्स का बकाया बढ़ गया और परियोजनाएं अटक गईं। महालेखा परीक्षक की सिफारिशों पर वर्ष 2022 में प्राधिकरण ने समूह आवास परियोजनाओं में नई एकमुश्त भुगतान योजना लागू की। जहां बिल्डरों को अब आवंटन के 90 दिनों के भीतर सारा भुगतान करना पड़ता है। बदलाव के परिणाम स्वरूप केवल आर्थिक रूप से मजबूत कंपनियां प्राधिकरण से जमीन खरीदने के लिए आगे आ रही हैं। जोड़तोड़ करके जमीन खरीदने की कोशिश करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। नोएडा में नई भुगतान योजना के तहत अब तक लगभग चार-पांच ग्रुप हाउसिंग प्लॉट बेचे जा चुके हैं।
अथॉरिटी, बिल्डर और बायर, सब सुरक्षित
ग्रुप हाउसिंग स्कीम्स को भूखंड आवंटन करने वाले अफसरों में शामिल एक ने कहा, "अब हमें ऐसे डेवलपर्स मिल रहे हैं, जो डिफॉल्टर नहीं हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। पिछले दिनों नीलामी के जरिए दो प्लॉट गोदरेज कंपनी को बेचे गए। इससे पहले गोदरेज हमारा प्रत्यक्ष आवंटी नहीं था। उन्होंने शहर में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट से जमीन का बड़ा हिस्सा दूसरे बिल्डर से खरीदा है। अब अधिक पारदर्शी व्यवस्था है। अब शर्तें सख्त हैं और डिफॉल्टर कंपनियां भाग लेने में सक्षम नहीं हैं। हम यह नहीं चाहते कि बिल्डर प्राधिकरण में घूम-घूमकर छूट या कुछ और मांगते रहें।'' बिल्डरों को अगर जमीन लेनी है तो एकमुश्त राशि देनी होगी। फिर प्राधिकरण और बिल्डर तेजी से काम करने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे घर खरीदने वाले भी सुरक्षित महसूस करते हैं।