Noida : दिल्ली एनसीआर की सबसे पुरानी संस्था कंफेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कोनरवा )ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को पत्र लिखकर सम्पत्ति के हस्तांतरण और रजिस्ट्री के बाद म्युटेशन के लिए लगने वाले पेनल्टी और अतिरिक्त चार्ज को समाप्त करने की मांग की है।
जानिये क्या है उनका कहना
कोनरवा के अध्यक्ष पीएस जैन और नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अशोक हक ने सीईओ को लिखे पत्र में कहा है कि भू-खण्ड/भवन के हस्तान्त्रण के बाद में प्राधिकरण के स्टाफ के अनुसार नाम का हस्तान्त्रण जल विभाग में नाम हस्तान्त्रण के प्रार्थना पत्र देना और कई अन्य औपचारिकताओ को अतिरिक्त शुल्क के साथ पुरा करने को कहा जाता है। जो अनुचित है क्यूंकि जल विभाग भी प्राधिकरण के नियंत्रण में है। ऐसी परिस्थीति में कॉपी जल विभाग को भेज देनी चाहिए। जिससे भू-खण्ड/भवन स्वामी को अलग अलग दफतर के चक्कर न काटने पडे़। जिस प्रकार कॉपी अकाउंट डिपार्टमेन्ट को जाती है उसी प्रकार जल विभाग को भी जानी चाहिए।
जानकारी का होता है अभाव
बिल्डर फ्लैटो या सोसाइटी की ट्राई पार्टी के द्वारा फ्लैट की रजिस्ट्री की जाती है जिसमें प्राधिकरण भी एक पक्षकार होता है। इस स्थिति में फ्लैट का मुटेशन कराये जाने एक औपचारिकता मात्र है तथा विलम्ब होने पर अर्थदण्ड लगाऐ जाना उचित नही है। जानकारी के अभाव में अनेक भू-खण्ड/भवन स्वामी इसे नही करवाते है ऐसी परिस्थिति में प्रतिदिन की पेनल्टी उचित नही है। यह एक टोकन के रूप में न्यून्तम लिया जाना चाहिए तथा लम्बे विल्म्ब पर एक अधिक्तम सीमा निर्धारित होनी चाहिए।
एकल सिस्टम के अनुसार किया जाए काम
ये सारी प्रक्रिया में केवल भू-खण्ड/भवन, फ्लैट स्वामी को बेवजह की परेशानियां झेलनी पड़ती है जिनका कोई मतलब ही नहीं है। भू-खण्ड/भवन को प्रत्येक विभाग जैसे जल विभाग, सम्पति विभाग, भवन/प्लाट में फीस के रूप में अलग अलग खर्च करना पड़ता है तथा स्टाफ पर भी अनावश्यक काम का बोझ बढ़ता है। सरकार व प्राधिकरण की योजना है कि काम को जनता की सुविधा दी जाऐ तथा एकल सिस्टम के अनुसार काम किया जाना चाहिए।