Tricity Today | उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल मामले में अभिभावकों की बैठक हुई
Noida News : रविवार को उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के बाहर डीडीआरडब्ल्यूए और अभिभावकों की बैठक हुई। डीडीआरडब्लूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा, “स्कूल को सील नहीं किया जाना चाहिए था। अथॉरिटी को स्कूल मैनेजमेंट पर सख्ती करनी चाहिए। छात्रों की पढ़ाई खराब हो रही है और अभिभावक परेशान हैं। अगर अथॉरिटी ने जल्दी स्कूल नहीं खोला तो इस समस्या को लेकर लखनऊ जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने मामला रखेंगे।” आपको बता दें कि भूमि आवंटन के सापेक्ष पैसा नहीं चुकाने पर नोएडा अथॉरिटी ने उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल को सील कर दिया है।
“स्कूल खोला जाए, मैनेजमेंट पर एक्शन करे प्राधिकरण”
डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा, “नोएडा प्राधिकरण ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सील कर दिया गया है। जिससे बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं और उनका भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जा सकता है। यह समस्या हमारे शहर की है। इस समस्या के निवारण में डीडीआरडब्लूए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर समस्या का जल्द ही समाधान ना हुआ तो डीडीआरडब्लूए इस समस्या के निवारण के लिए माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी से लखनऊ जाकर मुलाकात करेगी। हम सीएम से अनुरोध करेंगे कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखें। नोएडा प्राधिकरण को आदेशित करें कि स्कूल का ताला खुलवाया जाए। बच्चों को पढ़ने दें। प्राधिकरण पैसे लेने के लिए स्कूल मैनेजमेंट पर प्रेशर बनाए। उनकी संपत्ति सीज करे या कोई भी कदम उठाए, परंतु बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल को चलने दे।”
क्या है मामला
आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने बीते दिनों सेक्टर-56 में स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सील कर दिया था। इससे पहले स्कूल की जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके अलावा प्राधिकरण ने स्कूल के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा किया था। मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल मैनेजमेंट ने जमीन आवंटन की एवज में प्राधिकरण को पैसा नहीं चुकाया है। स्कूल पर करीब 15 करोड़ रुपए बकाया हैं।
स्कूल ने नोटिस का नहीं दिया जवाब
नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (संस्थागत) आशीष भाटी ने उत्तराखंड पब्लिक स्कूल को सील करते हुए कहा था कि स्कूल को काफी नोटिस भेजा गया था। स्कूल को भूमि आवंटन किया गया था। उसकी कीमत अब तक स्कूल प्रबंधन ने नहीं चुकाई है। कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन स्कूल मैनेजमेंट ने ना तो बकाया जमा किया और ना ही जवाब दिया है। जिसकी वजह से प्राधिकरण ने स्कूल का भूखंड आवंटन रद्द कर दिया। जिसके बाद प्राधिकरण से स्कूल सील कर दिया है।