गौतमबुद्ध नगर की शान : डीएम सुहास एलवाई और एथलीट वरुण भाटी Tokyo Paralympics में दिखायेंगे जलवा, दोनों ने छुड़ाए हैं अच्छों-अच्छों के पसीने

नोएडा | 3 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | डीएम सुहास एलवाई और एथलीट वरुण भाटी



Tokyo Paralympic : टोक्यो में इस बार गौतमबुद्ध नगर से दो खिलाड़ी हिस्सा लेने जा रहे है। 24 अगस्त 2021 को पैरालंपिक का आगाज हो रहा है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई बैडमिंटन और हाई जंपर में वरुण भाटी नेतृत्व कर भारत की शान बढ़ाएंगे। दोनों खिलाड़ियों ने पहले भी कई कीर्तिमान हासिल किए हैं इसलिए देश की जनता को इन दोनों खिलाड़ियों से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं।

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई टोक्यो पैरा ओलंपिक में भाग लेंगे। सुहास एलवाई दुनिया के नंबर-3 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने उनका सिलेक्शन किया है और इस बारे में इंडियन एसोसिएशन को जानकारी दे दी गई है। सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरा ओलंपिक के लिए अपने चयन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "वह फिर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की पुरजोर कोशिश करेंगे। इस बार फिर स्वर्ण पदक हासिल करना उनका लक्ष्य है।" आपको बता दें कि वर्ष 2018 में हुए पैरा ओलंपिक में सुहास एलवाई ने स्वर्ण पदक हासिल किया था।

2007 बैच के आईएएस अफसर हैं सुहास
सुहास लालिनकेरे यतिराज एक भारतीय पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और वर्ष 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं। सुहास वर्तमान में पुरुष एकल में दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी के रूप करीब डेढ़ वर्ष से कार्यरत हैं। वह पूर्व में प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे। तब मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित हुई दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल चैंपियन बने थे।

बीजिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता
वर्ष 2016 एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप बीजिंग वह एक पेशेवर अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह बने। जब वे आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे, तब उन्होंने फाइनल में इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह तब आकृषण का केंद्र बने जब उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने और पदक जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह थे।

यश भारती से सरकार ने सम्मानित किया
दिसंबर 2016 में वह उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यश भारती से नवाजे गए थे। उन्हें 1 दिसंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह सम्मान दिया था। 3 दिसंबर विश्व विकलांग दिवस पर उन्हें पैरा स्पोर्ट्स में उनके प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार से यह पुरस्कार मिला। उन्होंने अपनी आधिकारिक क्षमता में सेवा करते हुए कई पुरस्कार जीतने का विशिष्ट रिकॉर्ड भी बनाया है। उन्हें राजस्व प्रशासन में कर्तव्य निर्वाह के लिए राजस्व मंत्री और राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष सम्मानित कर चुके हैं। चुनाव से संबंधित शानदार काम के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने सम्मानित किया है।

एथलीट वरुण भाटी भी रियो पैरालंपिक में हिस्सा लेंगे
दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के ही जमालपुर निवासी एथलीट वरुण भाटी भी रियो पैरालंपिक में हिस्सा लेंगे। वर्ष 2016 के रियो पैरालंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले ग्रेटर नोएडा के वरुण भाटी (Varun Bhati paralympian) को टोक्यो पैरालंपिक का टिकट मिल गया है। वरुण का दूसरी बार पैरालंपिक के लिए चयन हुआ है। उनका ट्रायल दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम (JLN Stadium) में हुआ था। 29 जून को उनका चयन हुआ है। वरुण भाटी ने कहा, "इस बार देश को स्वर्ण पदक लाकर देंगे।"

मिल चुका है अर्जुन अवॉर्ड और लक्ष्मण पुरस्कार
वरुण भाटी ने बताया कि उन्होंने इसी साल चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया था। 10 सितम्बर 2016 को रियो पैरालंपिक के दौरान पुरुष वर्ग की ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता था। इसमें 1.86 मीटर की ऊंची कूद लगाकर पदक अपने नाम किया था। वरुण भाटी ने बताया कि एकबार फिर उनका चयन 29 जून को हो गया है। इस समय दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल की निगरानी में अभ्यास कर रहे हैं। वरुण भाटी के शानदार प्रदर्शन के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने उनको सम्मानित किया है। वरुण भाटी को भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार और उत्तर प्रदेश सरकार ने लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है। 

रोजाना तीन घंटे कर रहे हैं अभ्यास
वरुण भाटी ने बताया कि अभी टोक्यो जाने की तारीख तय नहीं हुई है। दिल्ली और ग्रेटर नोएडा दोनों जगह प्रैक्टिस कर रहे हैं। इस वक्त पूरा फोकस इस समय अभ्यास पर है।रोजाना करीब 3 घंटे फील्ड पर अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य तय कर रखा है। पिछली बार के रिकॉर्ड को सुधारने का पूरा प्रयास करेंगे और देश को स्वर्ण पदक दिलाएंगे।

छोटे से गांव से शुरू किया सफर
ग्रेटर नोएडा में छोटे से गांव जमालपुर के रहने वाले 26 वर्षीय पैरा खिलाड़ी वरुण भाटी का जन्म 1995 में हुआ था। बचपन में वह पोलियो के शिकार हो गए थे। इससे उनका एक पैर लकवाग्रस्त हो गया था। लेकिन वरुण ने दिव्यांगता को अपने ऊपर उन्होंने हावी नहीं होने दिया। उन्होंने 2014 में इंचियोन पैरा एशियाई खेलों में 5वां स्थान हासिल किया था।

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