Noida News : नोएडा में आवारा और पालतू कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में रोजाना आवारा कुत्तों के काटने के 100 से अधिक मामले पहुंच रहे हैं। इसके अलावा लोग निजी अस्पताल और क्लीनिकों में भी रैबीज का टीका लगवा रहे हैं। लोगों के विरोध के बावजूद समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल पा रहा है। इस बीच एक महिला ने अपने पालतू कुत्ते को गो-गो कहकर दो लोगों पर हमला करवा दिया। कुत्ते ने दोनों को बुरी तरह काटकर जख्मी कर दिया है। घायलों ने पुलिस को महिला के खिलाफ शिकायत दी है। यह मामला कोतवाली-39 का है। पुलिस शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर रही है।
महिला ने पुलिस से की शिकायत
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि वह सेक्टर-105 के निवासी है। शनिवार की सुबह वह और उनके पति पार्क में टहलने के लिए निकले हुए थे। तभी एक महिला दो खतरनाक नस्ल के कुत्तों को हमारे पास लेकर आई। डॉग की मालकिन को थोड़ा सा दूर ले जाने को कहा। इस बात पर महिला गुस्सा हो गयी। उसने दोनों के साथ बदतमीजी की। साथ ही दोनों कुत्तों को गो-गो कहते हुए हमारे उपर छोड़ दिया। मेरे पति मेरे बचाव में सामने आ गए तो उन कुत्तों ने मेरे पति को नीचे गिराकर काटना शुरू कर दिया। इस दौरान महिला ने गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। विरोध करने पर महिला ने डंडे से आदमी पर हमला किया। चिंताजनक विषय है : आरडब्ल्यूए अध्यक्ष
सेक्टर-105 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष दिव्य कृष्णात्रेय ने बताया कि आएदिन कुत्तों के किसी ना किसी व्यक्ति को काटने की जानकारी मिलती रहती है। आवारा कुत्ते सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाते हैं। जिसके कारण काफी लोग अपने बच्चे और मां-बाप को घर से नहीं निकलने देते हैं। यह एक चिंताजनक विषय है। इस पर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के आकंड़े बताते हैं कि केवल नोएडा शहर में कुत्ते रोजाना एक दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर रहे हैं।
अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या 50 हजार से अधिक है। इसके अलावा प्राधिकरण के ऐप पर करीब 10 हजार कुत्तों का पंजीकरण हुआ है। वहीं, प्राधिकरण का दावा है कि अभी 40 से 45 हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। इसके बाद भी कुत्तों की तादाद कम नहीं हो रही। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर के कई हिस्सों में कुत्ते दोपहिया वाहन चालकों के पीछे दौड़ने लगते हैं। कई बार वाहन चालक या बाइक के पीछे बैठे व्यक्ति पर हमला कर देते हैं। बाइक के पीछे भागने पर चालक हड़बड़ी में दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। लोग सोशल मीडिया के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं। कोई बड़ी घटना होने पर विकास प्राधिकरण जल्दी समाधान का आश्वासन देता है, लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।