Noida News : शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई ईद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर रहा पहरा, कमिश्नर आलोक सिंह ने संभाली कमान

नोएडा | 2 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | कमिश्नर आलोक सिंह ने संभाली कमान



Noida News : रविवार को नोएडा के कई जगहों पर ईद का त्यौहार मनाया गया। इसी के मौके पर नोएडा पुलिस हाई अलर्ट पर रही। पूरे जिले में जगह-जगह पुलिस के जवान मुस्तैद थे साथ ही ईद का त्यौहार जिले में शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। ईद उल-अज़हा पर्व के अवसर पर गौतमबुद्धनगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने निकले हुए थे साथ ही अन्य पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में गस्त करते हुए नजर आए। 

कमिश्नर आलोक सिंह ने संभाला मोर्चा
ईद के दिन खुद नोएडा कमिश्नर आलोक सिंह ने कमान संभाल रखी थी। सुबह से ही जिले के अनेकों जगहों पर पहुंच कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। भ्रमण के दौरान कमिश्नर ने नोएडा जोन के सेक्टर-8 की जमा मस्जिद और  सेंट्रल जोन के हल्द्वानी मस्जिद पर पहुंचकर शांति और सुरक्षा को लेकर आला अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही आम जनता से सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की अपील की।

पूरे जिले पर पुलिस की निगाहें
पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के आदेश पर डीसीपी, एडिशनल डीसीपी, एसीपी, एसएचओ और सभी थाने पुलिस टीम मैदान में रही। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बड़े बाजारों में फ्लैग मार्च निकाला गया। वहीं पुलिस के द्वारा हर गतिविधियों पर नजर रखी जा गई। लोगों से अपील की गई कि पुलिस का समर्थन करें और शांति व्यवस्था बनाए रखें साथ ही किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें। माहौल खराब करने वाले लोगों की सूचना पुलिस को तत्काल दें।
एक साल से धर्मगुरुओं से रफ्ता बनाए हुए हैं पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह कि यह धर्म गुरुओं के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान कई मौकों पर वह धर्म गुरुओं को बुलाकर बातचीत कर चुके हैं। जिसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई हिंसक वारदात हुईं। इस दौरान गौतमबुद्ध नगर पूरी तरह शांतिपूर्ण बना रहा। पिछले महीने जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश समेत देशभर के तमाम शहरों में हिंसक झड़पें हुईं। देश की राजधानी दिल्ली में बड़ी हिंसक घटनाएं हुईं। सीमावर्ती जिला होने के बावजूद गौतमबुद्ध नगर में कोई प्रभाव नहीं पड़ा। धर्म गुरुओं के साथ निरंतर दोहरा संवाद बनाए रखने से यह कामयाबी मिली है।

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