तेज ठंड और बारिश के बावजूद नोएडा में चिल्ला बॉर्डर और गाजियाबाद में यूपी गेट बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन रविवार को भी जारी है। कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बावजूद किसान दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं। गाजियाबाद में यूपी गेट पर डटे किसानों के टैंट उड़ गए हैं। तम्बुओं में भीतर पानी भर गया है। शीत लहर में नेशनल हाइवे पर बैठना मुश्किल है, लेकिन किसान टस से मस नहीं हो रहे हैं।
नोएडा में चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने सुबह बारिश से बचने के लिए टेंट में और ट्रॉली के नीचे शरण ली। वहीं, दलित प्रेरणा स्थल पर अपने साथियों के साथ धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने कहा कि सरकार और मौसम चाहे किसानों पर जितना भी सितम ढा ले, उनका हौसला डिगने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
दूसरी ओर गाजियाबाद में भी किसानों का बुरा हाल है। हजारों किसान यहां सिकुड़कर डटे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार और मौसम हमारा कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे। हम सभी यहां शहीद होने आए हैं। खराब मौसम से क्या फर्क पड़ने वाला है।" आपको बता दें कि गाजियाबाद धरने में पिछले दो दिनों के दौरान दो किसानों की मौत हुई हैं। बागपत के किसान गलतान सिंह की मौत ठण्ड के कारण हुई। जबकि, शनिवार को रामपुर के किसान कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी।