Noida News : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में नोएडा के चार बच्चों ने बाजी मारी है। चार बच्चों ने नोएडा का नाम रोशन किया है। इसमें दो लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। अब इनको जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बधाई दी है। इनमें से दो अभ्यर्थी टॉप 20 लिस्ट में शमिल हुए।
नोएडा की वरदाह खान ने की 18वीं रैंक हासिल
नोइडा के सेक्टर-82 स्थित विवेक विहार में वरदाह खान अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह मूलरूप से इलाहबाद की रहने वाली हैं। वरदाह का कहना है कि उन्होंने घर पर रहकर ही पढ़ाई की है। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए प्रतिदिन करीब 7 घंटे पढ़ाई की है। यह उनका दूसरा अटेंप्ट था। उन्होंने ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की है। वह देशभर में यूपीएससी टॉप करने वाले 20 अभ्यर्थियों की सूची में शामिल है। वह आईएफएस बनना चाहती हैं। वरदाह के पिता अब्दुल रहमान का करीब 9 वर्ष पहले निधन हो गया था। उनकी मां रिटायर्ड शिक्षिका हैं। उनके 12वीं में 95 प्रतिशत अंक थे। इसके बाद खालसा कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स किया। साथ में वह लोक सेवा आयोग की तैयारी भी करती रहीं।
नोएडा के आकाश ने की 20वीं रैंक हासिल
सेक्टर-93 एक्सप्रेस व्यू अपार्टमेंट सोसाइटी निवासी आकाश वर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 20वीं रैंक हासिल की है। आकाश बतौर आईएएस शिक्षा को बेहतर बनाने और नई नीतियां बनाने को प्राथमिकता देंगे। आकाश ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई दिल्ली के रेनबो स्कूल से की है। उन्होंने 10वीं में 9.6 सीजीपीए और 12वीं में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।इसके बाद कोलकाता के आईआईएम कॉलेज से एमबीए किया। फिलहाल आकाश डिफेंस एकाउंट सर्विस में कार्यरत थे। वह दो वर्षों की ट्रेनिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2018 से यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़कर करंट अफेयर की तैयारी की है। उन्होंने लंबे समय तक कोचिंग भी की।
नोएडा की बेटी शैफाली अवाना भी पीछे नहीं
नोएडा के हरौला गांव में एक किसान परिवार की बेटी ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सिविल सेवा परीक्षा पास करके गांव का नाम रोशन किया है। शैफाली अवाना ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में 172वीं रैंक हासिल की है और वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में शामिल होंगी। शैफाली के पिता सतीश अवाना एक किसान रहे हैं। उनके परिवार में पहली बार किसी ने सिविल सेवा की परीक्षा दी और पास की है। शैफाली ने तीन बार प्रयास किया और अंततः इस बार सफलता हासिल की। शैफाली ने बताया कि उनके पिता और परिवार का समर्थन ही उनकी इस उपलब्धि का मुख्य कारण रहा। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरी पढ़ाई को प्राथमिकता दी। यह उनके लिए भी बहुत बड़ी खुशी का पल है।”
नोएडा के आयुष चौधरी ने बनाई थी सोशल मीडिया से दूरी
सेक्टर-78 महागुन मजारिया निवासी आयुष चौधरी ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अपने सपने को साकार किया। वह करंट अफेयर पढ़ने के लिए ही मोबाइल चलाते थे। उन्होंने बताया कि चार वर्ष तक उन्होंने किसी भी प्रकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दस्तक नहीं दी। आयुष ने स्कूली शिक्षा दिल्ली के सरदार पटेल स्कूल से की। उन्होंने 10वीं में 9.8 सीजीपीए और 12वीं में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद आईआईटी भुवनेश्वर से सिविल इंजीनयरिंग में बीटेक किया। वह पिछले चार वर्ष से यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। उनकी ऑल इंडिया 723 रैंक है। यह उनका दूसरा अटेंप्ट था। आयुष के पिता अरविंद चौधरी भारतीय आर्थिक सेवा में काम करते हैं, जबकि मां अनिता चौधरी गृहिणी हैं।