Gautam Buddh Nagar: 24 घंटे में आत्महत्या के चार मामलों से दहला शहर, तनाव की वजह से बढ़ रहे सुसाइड के केस

नोएडा | 4 साल पहले | Harish Rai

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर



गौतमबुद्ध नगर में 24 घंटे के दौरान आत्महत्या के चार मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में चार अलग-अलग जगहों पर चार लोगों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सभी मामलों में आत्महत्या की वजहें अलग-अलग हैं। पर जिले में सुसाइड की बढ़ती संख्या को लेकर प्रशासन चिंतित है। विशेषज्ञों से इस बारे में राय ली जा रही है। पुलिस आयुक्त के प्रवक्ता ने बताया कि, 'थाना सूरजपुर क्षेत्र के बिरोडी गांव में रहने वाली मरजीना (23) नाम की महिला ने रविवार को मानसिक तनाव के चलते पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हर एंगल से महिला के बारे में जानकारी जुटा रही है।

आत्महत्या का दूसरा मामला थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-45 स्थित आम्रपाली सफायर नामक सोसायटी से जुड़ा है। सोसायटी में रहने वाली 17 वर्षीय छात्रा कुमारी बसु राय ने शनिवार शाम को सोसाइटी की 20वीं मंजिल से कूदकर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली। इस मामले के बाद विशेषज्ञ भी सकते हैं। आखिर इतनी कम उम्र में सुसाइड जैसा कड़ा फैसला लेने की जरूरत क्यों आ गई। तीसरे मामले में, थाना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र के सेक्टर-135 में किराए पर रहने वाले पंकज सिंह बोरा ने शनिवार देर रात अपने घर पर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। 

हालांकि पुलिस को अभी पंकज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। चौथे मामले में रविवार को प्रमोद कुमार (32) नामक युवक ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को नीचे उतार कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल पुलिस के हाथ खाली हैं। 

आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में लोगों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना आत्महत्याओं की खबरें सामने आ रही हैं। लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक 400 से ज्यादा लोग मौत को गले लगा चुके हैं। औसतन रोजाना 2 लोग सुसाइड कर रहे हैं। पुलिस और विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के बाद अर्थव्यवस्था पटरी से लगभग उतर गई है। लोगों में अवसाद बढ़ रहा है। इन सब कारणों की वजह से लोग आत्मघाती कदम उठा रहे हैं।

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