नोएडा अथॉरिटी से छिनी ट्विन टावर्स केस की जांच : सरकार ने एआरसी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी, आरोपी अफसरों में खलबली

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Google Image | Saumya Srivastava IAS



Noida News : नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक बिल्डर से जुड़ी बड़ी खबर है। शहर के सेक्टर-93ए में स्थित ट्विन टावर ( Noida Twin Tower) को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिरा दिया गया था लेकिन भ्रष्टाचार के वह टॉवर कैसे खड़े हुए और उसके लिए अथॉरिटी के कौन अफसर जिम्मेदार हैं, यह जांच ठंडे बस्ते में चली गई। लंबा वक्त बीतने के बावजूद यह जांच पूरी नहीं हो पाई है। लिहाजा, यह जांच नोएडा प्राधिकरण से लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शिफ्ट कर दी है। शासन ने यह मामला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव (Saumya Srivastava IAS) को सौंप दिया है। सौम्य श्रीवास्तव की गिनती बेहद तेज-तर्रार और ईमानदार अफसर के रूप में होती है। वह यूपी सरकार के दिल्ली में एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर भी हैं।

शासन ने नोएडा अथॉरिटी से जांच लेकर ग्रेटर नोएडा शिफ्ट की
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने यह जांच अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण मिश्रा को सौंपी थी। करीब 6 महीने पहले नोएडा एसीईओ प्रवीण मिश्रा का नोएडा से ट्रांसफर हो गया। उसके बाद यह जांच ने के ठंडे बस्ते में जांच चली गई। नोएडा के सुपरटेक बिल्डर ने अवैध रूप से ट्विन टॉवर का निर्माण किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश उन इमारतों का ध्वस्तीकरण देशभर की मीडिया में सुर्खियों में रहा था। अवैध इमारत कैसे खड़ी हुईं, इसकी जांच नोएडा प्राधिकरण के पूर्व एसीईओ प्रवीण मिश्रा कर रहे थे। लेकिन उनका तबादला हो गया। जिसके बाद जांच लंबित पड़ गई।

तत्कालीन सीईओ समेत 24 अफसरों पर दर्ज है एफआईआर
शासन के आदेश पर यह जांच ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी गई है। सौम्य उत्तर प्रदेश सरकार के दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त भी हैं। आपको बता दें कि 28 अगस्त 2022 को सुपरटेक बिल्डर के अवैध ट्विन टॉवर को ध्वस्त किया गया था। करीब दो साल पहले 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को इस निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर फटकार लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने लखनऊ के विजिलेंस थेने में मुकदमा दर्ज करवाया था। नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन सरदार मोहिंदर सिंह सहित करीब 24 अधिकारियों पर इस मामले में मुकदमा दर्ज है। विजिलेंस जांच में सामने आया कि सरदार मोहिंदर सिंह तो देश छोड़कर चले गए हैं।

पिछले साल सितंबर से यह जांच ठंडे बस्ते में है
इस मामले में सुपरटेक बिल्डर के अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद विभागीय जांच के लिए शासन ने नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत एसीईओ को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। प्राधिकरण में कार्यरत करीब 12 अधिकारियों के खिलाफ एसीईओ ने आरोप पत्र जारी किए थे। जिसमें 3-4 अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया और समय मांगा था। इसी दौरान 30 सितंबर 2022 को एसीईओ प्रवीण मिश्रा का स्थानांतरण हो गया। उसके मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई।

अब सौम्य श्रीवास्तव को जांच सौंपी गई
अब तेज तर्रार और ईमानदार छवि के अफसर सौम्‍य श्रीवास्तव को शासन ने यह जांच सौंपी है। उत्तर प्रदेश कैडर में आईएएस सौम्य श्रीवास्तव की गिनती ईमानदार अफसरों में होती है। पिछले दिनों उन्होंने ग्रेटर नोएडा में हुए किसान भूखंड घोटाले की जांच की है। जिसमें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कई अफसर फंसे हुए हैं। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक सौम्य को ट्विन टावर केस की जांच मिलने से भ्रष्टाचार की जांच में तेजी आएगी। दूसरी ओर आरोपी अफसरों में खलबली मच गई है।

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