फरीदाबाद-नोएडा-गाज़ियाबाद एक्सप्रेसवे : सरकारें बदलती गईं पर 34 साल बाद भी परियोजना नहीं चढ़ सकी परवान, अभी राह में हैं कई अड़चन

नोएडा | 1 साल पहले | Deepak Sharma

Google Image | FNG Expressway



Noida News : 1989 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीन प्रमुख शहरों को जोड़ने के उद्देश्य से तैयार की गई फ़रीदाबाद-नोएडा-गाज़ियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे परियोजना समस्याओं के एक ऐसे अंतहीन चक्र में फंसकर रह गई कि आज 34 साल पूरे होने के बाद भी यह सिरे से नहीं चढ़ सकी है। इस बीच दोनों प्रदेशों में लगातार सरकारें बदलती चली गईं किन्तु किसी ने आमजन से जुड़ी इस परियोजना को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान में दोनों ही प्रदेशों में भाजपा की सरकारें हैं। बता दें एफएनजी एक्सप्रेस वे फ़रीदाबाद से शुरू होकर गाजियाबाद में समाप्त होता है। नोएडा में एक सेंगमेंट का निर्माण कार्य विभिन्न कारणों से अधर में लटका है। 

अटका है यमुना नदी पर पुल का निर्माण
जबकि इस एक्सप्रेसवे पर अधिकांश काम नोएडा में पूरा हो चुका है। यमुना नदी पर फरीदाबाद और नोएडा के बीच एक पुल का निर्माण होना है जिसको लेकर यूपी के अफसर हरियाणा के अपने समकक्षों से इस पर समर्थन मांग रहे हैं,  लेकिन अभी तक उस ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है। जिसके कारण फ्लाईओवर निर्माण के लिए चल रहे काम की धीमी गति इसके पूरा होने में बाधा आ रही है। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण नोएडा प्राधिकरण के लिए लगातार बाधा बनी हुई है। हालाँकि, प्राथमिक बाधा फ़रीदाबाद के अधिकारियों की कमज़ोर प्रतिक्रिया ही है।

दिल्ली से कम होगा ट्रैफिक का दबाव
फरीदाबाद के रहने वाले आर्केटेक्ट अर्चित प्रताप सिंह बताते हैं कि 1989 में 1000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ 43 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे की परिकल्पना तीनों शहरों की भीड़ के लोड को दिल्ली पर से करने के कम करने को लेकर की गई थी। अर्चित आगे बताते हैं कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने की वजह से ट्रकों, लंबी रूट की बसों और अन्य भारी वाहनों की आवाजाही से ट्रैफिक का दवाब दिल्ली पर थोड़ा कम जरूर हुआ, लेकिन इसके बावजूद समस्या बनी हुई है। पुल निर्माण को लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों के बीच सहमति नहीं बनने के कारण इसके निर्माण में देरी होती गई।

इन सेक्टरों से गुजर रहा है एफएनजी
नोएडा में एफएनजी एक्सप्रेसवे सेक्टर 117, 118, 121, 119, 142, 159, 141, 160, 162, 163, 164, 156 और 158 से होकर गुजरता है। हालांकि, कुल प्रस्तावित 43 किमी एक्सप्रेसवे में से केवल 6- 7 किलोमीटर उपयोग में है, जो एनएच 24 से सेक्टर 117 तक फैला है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है।

तीनों शहरों के लोगों को सीधा फायदा
अर्चित बताते हैं कि सेक्टर 117 में एफएनजी परियोजना भूमि विवाद के कारण रुकी हुई है। दादरी रोड और नोएडा एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों पर मोटर चालक इसके पूरा न होने के कारण इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। गाजियाबाद, फ़रीदाबाद और नोएडा के निवासी अफसरों से इस एक्सप्रेसवे को शीघ्र पूरा करने की मांग कर रहे हैं।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से भी कम होगा दबाव
न्यू एरा फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (नेफोवा) के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, 'यह एक्सप्रेसवे, एक बार पूरा हो जाने पर, न केवल फरीदाबाद जाने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा बल्कि उन लोगों को भी फायदा मिलेगा जो नियमित रूप से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का उपयोग करते हैं। सरकार को लगातार बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए इस तेजी लाने की जरूरत है। 

दिल्ली जाने की नहीं होगी जरूरत
बता दें इस एफएनजी के निर्माण के बाद फरीदाबाद से गाजियाबाद और गाजियाबाद से फरीदाबाद जाने वालों को दिल्ली में प्रवेश कोई जरूरत नहीं रहेगी। अभी वर्तमान में, इन तीनों शहरों में से किसी एक की यात्रा करने वाले यात्रियों को अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले दिल्ली से होकर गुजरना पड़ता है।

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