Noida News : बाबा भोले नाथ के दरबार में हाजरी लगाने का एक उत्तम संयोग पूरे सौ साल बाद आया है। 17 जुलाई का सोमवार इस बार बेहद खास है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस दिन एक पावन दुर्लभ योग बन रहा है जोकि एक सौ साल बनता है। इस बार चार संयोग एक साथ जुड़ रहें। जब सावन, दूसरा सोमवार, तीसरा सोमवती अमावस्या और चौथा बंगला सावन का संक्रांति एक साथ पड़ रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के प्रथम कृष्ण पक्ष 17 जुलाई को 57 साल बाद सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। 1966 में 18 जुलाई को सोमवती हरियाली अमावस्या का पर्व पड़ा था। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार सोमवती हरियाली अमावस्या पर स्नान दान के साथ शिव साधना विशेष फलदाई है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 17 जुलाई को मिथुन राशि का चंद्रमा में संयोग से सोमवती हरियाली अमावस्या का पुण्य काल आ रहा है। इस दिन महाकाल की सवारी भी है। इस समय दान, साधना और उपासना का अभूतपूर्व लाभ मिलता है। इससे पहले यह स्थिति 1966 में बनी थी। हरियाली अमावस्या पर परंपराओं का भी अपना महत्व है। हालांकि पौराणिक व शास्त्रीय मान्यता के आधार पर देखें तो अमावस्या पर स्नान की परंपरा है। वहीं पितरों के निमित्त तर्पण पिंडदान व अन्य पूजा के साथ-साथ गो ग्रास भिक्षुक को अन्नदान आदि करने का भी विधान है। यही नहीं अमावस्या की मध्य रात में भगवान शिव और शक्ति की संयुक्त साधना भी आध्यात्मिक सफलता प्रदान करती है।
57 साल पहले बनी ऐसी ग्रहों की स्थिति
सूर्य, चंद्र, बुध, राहु और केतु 57 वर्ष पहले जिन राशि में थे। 2023 में इस बार उन्हीं राशि में रहेंगे। ग्रह गोचर की गणना के अनुसार चलें तो सूर्य, चंद्र, बुध, राहु, केतु यह पांच ग्रह 1966 में सावन में जिन राशियों में थे। उसी क्रमानुसार इस बार भी सूर्य कर्क राशि, चंद्र मिथुन राशि, बुध कर्क राशि और राहु और केतु क्रमश: मेष और तुला राशि में गोचर करेंगे।
स्नान दान और साधना के लिए श्रेष्ठ
हरियाली अमावस्या पर परंपराओं का भी अपना महत्व है। हालांकि पौराणिक व शास्त्रीय मान्यता के आधार पर देखें तो अमावस्या पर नदियों में स्नान की परंपरा है। वहीं पितरों के निमित्त तर्पण पिंडदान व अन्य पूजा के साथ-साथ गो ग्रास भिक्षुक को अन्नदान आदि करने का भी विधान है। यही नहीं अमावस्या की मध्य रात में भगवान शिव और शक्ति की संयुक्त साधना भी आध्यात्मिक सफलता प्रदान करती है।
कुछ खास उपाय लाएंगे आपके जीवन में बहार 1.चीटियों को शकरयुक्त आटा खिलाना शुभ माना जाता है। इस उपाय से पितृ प्रसन्न होकर अपार धन प्राप्ति का वरदान देते हैं। 2.भगवान भोलेनाथ को घर में बनी खीर या मालपूए का भोग लगाएं, इससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। 3.सांयकाल के समय शिव मंदिर में गाय के शुद्ध घी का एक दीपक लगाएं, जिसमें रुई की बत्ती जगह लाल रंग की बत्ती बनाकर, उसमें थोड़ी मात्रा में केसर डालें यह दीया शिवजी को अर्पित करके उनसे धन प्राप्ति की कामना करें। 4.भोले बाबा को पुष्प, फल, शकर, गंगाजलए कच्चा दूध आदि चढ़ाकर भी आप लाभ उठा सकते हैं। 5.सावन और अमावस्या के योग में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अत: इस दिन शिव मंदिर में जाकर पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक तथा पूजन करें।