साइबर ठगों का गढ़ गौतमबुद्ध नगर : Sextortion और लोन एप के जरिए चलता है ब्लैकमेलिंग का धंधा, आप न बन जाएं शिकार!

नोएडा | 6 महीना पहले | Jyoti Karki

Google Image | symbolic image



Noida News : टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में एक तरफ लोग हर काम में मोबाइल का इस्तेमाल जोरों शोरों से कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यही सोशल मीडिया और और इंटरनेट लोगों की आत्महत्या और अकाउंट भी खाली करने का कारण बना हुआ है। आपको बता दें कि नोएडा में रोजाना सैकड़ो लोग साइबर ठगी का शिकार बनते हैं। इस वक्त सेक्सटॉर्शन (Sex torsion) और लोन एप के सबसे ज्यादा परेशान कर रहे हैं। नोएडा में साइबर अपराधियों को देखते हुए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।लेकिन उसके बावजूद भी मामले हम नहीं रहे हैं।  

लोन देकर पहले बनाते हैं शिकार 
सेक्सटॉर्शन और लोन एप के मामले में पुलिस फिसड्डी साबित हुई है। इन मामले में नोएडा पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कई बार इससे जुड़े जालसाजों के विदेशी कनेक्शन भी सामने आता है। आईपी एड्रेस दूसरे शहर का आने पर पुलिस हाथ खड़े कर लेती है। जिसकी वजह से इससे जुड़े  जालसाज लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सेक्स टॉरशन और लोन एप के जालसाज चीन और नाइजीरिया कनेक्शन कई बार पुलिस की जांच में सामने आया है। चाइनीज ऐप से जालसाजी करने वाले कॉल सेंटर खोलकर चाइनीज लोन एप के माध्यम से लोन लेने वाले लोगों को मोबाइल का एक्सेस लेकर फोटो डाटा और अन्य जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल करके लोन की किश्त चुकाने देरी हो जाने की बात कह कर ब्याज और जुर्माना भरने की बात धीरे-धीरे डबल कर देते हैं। 

ब्लैकमेल करके वसूलते है पैसा 
कई बार जब पीड़ित उनके पैसा दे नहीं पता हैं। तो यही लोग लोन लेने वालों की फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर करोड़ों रुपए लूट लेते हैं। ब्लैकमेल करते-करते 10 से 20 गुना तक राशि वसूल लेते हैं। इस जालसाजी में मॉनिटरिंग चीन से होती है लेकिन नोएडा ग्रेटर नोएडा में बैठकर ठगी करने वालों को उनका हिस्सा कमीशन के तौर मिलता है। इसकी वजह से नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पुलिस इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाती है।

चीन से मिलता है यूआरएल, भारत में ठगी 
सेक्सटॉर्शन करने और चाइनीज एप से लोन देकर आतंक मचाने वाले आरोपियों के विटकॉइन के माध्यम से लेन-देने की जानकारी पुलिस जांच में सामने आई है। इन जालसाजों को चीन से एक यूआरएल उपलब्ध कराया जाता है और इसकी लॉगिन आईडी भी दी जाती है। इसी आईडी से जालसाज विदेशी जालसाजों के संपर्क में होते हैं और आपसी लेनदेन बिटकॉइन से करते हैं। इस कारण स्थानीय पुलिस इनके मनी ट्रेल को भी नहीं पकड़ पाती है।

क्या होता सेक्सटॉर्शन?
कैम्ब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, सेक्स्टॉर्शन का मतलब है, ‘किसी को कुछ करने के लिए मजबूर करना, विशेष रूप से यौन कार्य करने के लिए। ये उनके बारे में नग्न तस्वीरों को प्रकाशित करने की धमकी देकर, या उनके बारे में यौन जानकारी देने की धमकी देकर किया जाता है। वहीं, एफबीआई ने बताया है, ये एक तरीके का अपराध है, जब कोई व्यक्ति किसी की निजी और संवेदनशील सामग्री को वितरित करने की धमकी देता है, अगर आप उन्हें उसके बदले पैसे नहीं देते हैं या फिर कोई सेक्शुअल डिमांड को पूरा नहीं करते हैं। अगर सीधी भाषा में कहें तो जब कोई व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति को उसका प्राइवेट कंटेंट वायरल करने की धमकी देता है और इसके बदले में कोई डिमांड रखता है तो इसे सेक्सटॉर्शन के अधीन माना जाता है। जैसे किसी के प्राइवेट टाइम के वीडियो या फोटो को किसी दूसरे को भेजने के नाम पर ब्लैकमेल करना भी सेक्सटॉर्शन ही है। ऐसे में आजकल इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं और उनके जरिए लोगों से पैसे लूटे जा रहे हैं।

अन्य खबरें