VIDEO : नोएडा आईएमए की पूर्व महासचिव ने कहा- मुझे चुनाव लड़ने से रोका गया, बर्बाद करने की धमकियां दी गईं

नोएडा | 3 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | डॉ.मोहित शर्मा



Noida News : एक तरफ देश में पिछड़ी, अल्प प्रशिक्षित और आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं को आगे लाने के लिए सरकार व समाज जोर लगा रहे हैं, दूसरी ओर नोएडा में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो समाज की नारीवादी सोच को आईना दिखाती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की निवर्तमान महासचिव डॉ.मोहित शर्मा ने गुरुवार को नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को कार्यभार सौंपा। इस दौरान उन्होंने खुली सभा में कई गंभीर जानकारियां साझा कीं। डॉक्टर मोहिता शर्मा ने बताया कि उन्हें आईएमए नोएडा का चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आतंकित किया गया। ख़ौफ़ज़दा करने के लिए धमकियां दी गईं। इतना ही नहीं आईएमए नोएडा के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने यहां तक कह दिया कि अगर तुम चुनाव लड़ती हो तो बर्बाद हो जाओगी।



डॉक्टरों के सामने मोहिता शर्मा ने पूरी बात रखी
पिछले दिनों आईएमए नोएडा का चुनाव संपन्न हुआ है। नई कार्यकारिणी निर्विरोध रूप से चुनी गई है। उसी दौरान निवर्तमान महासचिव मोहिता शर्मा ने जानकारी दी थी कि उन्हें नामांकन करने से जबरन रोका गया है। अब यह मामला खुलकर पूरी तरह सामने आ गया है। गुरुवार को मोहिता शर्मा ने नई कार्यकारिणी को कार्यभार सौंपा। इस दौरान आईएमए नोएडा की नई कार्यकारिणी और बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद रहे। अपने संबोधन में मोहित शर्मा ने सारी चीजें विस्तार से रखी हैं। इसी दौरान किसी सदस्य ने उनका वीडियो बनाया। जो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

चुनाव लड़ने पर बर्बाद करने की धमकी दी गई
मोहिता शर्मा ने बताया, "जैसे ही आईएमए नोएडा का चुनाव घोषित किया गया तो खलबली मच गई। मैं चुनाव लड़ना चाहती थी। मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कुछ लोगों ने गलत तरीके से आतंकित किया। कहा गया कि आपके ऊपर बहुत सारे आरोप हैं। अगर आप चुनाव लड़ेंगे तो तरह-तरह के आरोप लगाए जाएंगे। आपको बर्बाद कर दिया जाएगा। नामांकन का वक्त आया तो मुझे और मेरे परिवार वालों को परेशान किया गया। जिसकी वजह से मेरा पूरा परिवार करीब एक महीने तक मानसिक दबाव में रहा।"

महिला डॉक्टरों को आईएमए नोएडा पर भरोसा नहीं
मोहिता शर्मा ने सवाल उठाया, "एक तरफ तो हम पढ़ा-लिखा समाज होने का दावा करते हैं। यह भी दावा करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा महिला डॉक्टरों को आईएमए में आना चाहिए। जब मैं आईएमए की महासचिव बनी तो दूसरी सदस्यों को कार्यालय आने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया। उन महिला सदस्यों ने मुझे कहा कि यहां का माहौल सही नहीं है। मैंने उन्हें कई बार कार्यालय बुलाया और कहा कि इस माहौल में कोई कमी नहीं है, लेकिन मुझे नहीं पता था कि उनके मन में बैठ गई धारणा सही है। जब इस चुनाव के दौरान मैंने हालात का सामना किया तो उनकी बातें सच लगने लगीं।"

"केवल 10 डॉक्टर एकजुट रहने की जरूरत है"
मोहिता शर्मा ने इस सभा में मौजूद डॉक्टरों से अपील की कि आप लोगों को माहौल सुधारने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। अगर कुछ लोगों के दबाव में आईएमए काम करेगा तो कभी भी मजबूती हासिल नहीं कर सकता है। आईएमए नोएडा की अग्रणी संस्थाओं में से एक है। यहां लोगों को अपनी बात रखने और काम करने की आजादी मिलनी चाहिए। अगर डॉक्टर चाहते हैं कि आईएमए सशक्त बने तो एकजुट रहना होगा। इस तरह की ताकतों का विरोध करना होगा।" मोहिता शर्मा ने आगे कहा कि अगर केवल 10 डॉक्टर भी मजबूती के साथ खड़े रहें तो इस तरह के असामाजिक तत्वों से निपटा जा सकता है।

डॉक्टर्स-डे पर धीरेंद्र सिंह की आमद से उखड़े विशेष नेता
जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और आईएमए नोएडा के बीच खड़े हुए विवाद को मोहिता शर्मा के साथ हुई घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, नोएडा के कई अस्पतालों ने कोविड-19 महामारी के दौरान मनमानी की थी। लोगों से अनाप-शनाप पैसा वसूल किया गया था। इसके खिलाफ जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने आवाज उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग विधायक ने की थी। धीरेंद्र सिंह की चिट्ठी सार्वजनिक होने के अगले ही दिन आईएमए नोएडा ने इसका विरोध किया था। आईएमए की ओर से जारी किए गए खंडन पत्र में अस्पतालों की बजाय डॉक्टरों का हवाला दिया गया था। जिस पर विधायक ने मजबूती के साथ खड़ा होकर स्थिति साफ की। आम जनमानस को बताया कि वह प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ हैं। सामान्य डॉक्टरों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया था कि आईएमए निजी अस्पतालों की संस्था है या डॉक्टरों की, यह स्पष्ट होना चाहिए।

अध्यक्ष और महासचिव विधायक से जाकर मिले
यह मामला आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक भी पहुंच गया था। अंततः आईएमए नोएडा के अध्यक्ष और महासचिव कम्युनिकेशन गैप को खत्म करने के लिए रबूपुरा जाकर धीरेंद्र सिंह से मिले थे। जिसके बाद आईएमए नोएडा और विधायक के बीच संबंध सामान्य हो गए थे। कुछ दिन बाद ही डॉक्टर्स-डे का आयोजन किया गया। जिसमें आईएमए नोएडा में विधायक धीरेंद्र सिंह को आमंत्रित किया। कई डॉक्टरों का कहना है कि यह बात एक विशेष नेता को नागवार गुजरी और उन्होंने धीरेंद्र सिंह को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने वाले पदाधिकारियों की खिलाफत शुरू कर दी। उन्हीं विशेष नेता के दबाव में आईएमए नोएडा ने मोहिता शर्मा को चुनाव नहीं लड़ने दिया। कुल मिलाकर मोहिता शर्मा का यह वीडियो नोएडा शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। शहर में आम आदमी से लेकर मेडिकल फ्रेटरनिटी, राजनीतिक गलियारों और प्रशासनिक तबके में यह घटना चर्चा बन गई है।

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