नोएडा में पेट्स लवर्स के लिए जरुरी खबर : रजिस्ट्रेशन ना करवाने वालों पर प्राधिकरण लगाएगा जुर्माना, इन कुत्तों की होंगी नसबंदी

नोएडा | 2 साल पहले | Nitin Parashar

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Noida News : शहर में कुत्ता बिल्ली पालने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। अगर आप लोग पेट्स लवर्स है तो रजिस्ट्रेशन जरूर करवा ले। वरना जुर्माना देने के लिए तैयार रहें। 16 फरवरी से नोएडा प्राधिकरण रजिस्ट्रेशन ना करवाने वाले लोगों पर जुर्माना लेना शुरू करेगा। हालांकि जुर्माने की आखिरी तारीख 31 जनवरी थी, जिसके बाद जन स्वास्थ्य विभाग ने बैठक कर जुर्माना लगाने की शुरूआत करने की योजना बनाई। लोगों ने अगर अपने पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन 28 फरवरी तक नहीं करवाया तो उनको 500 रुपए पंजीकरण राशि के अलावा 200 का जुर्माना देना होगा।

1 साल के लिए निर्धारित फीस
बता दें कि कुत्ते-बिल्ली के रजिस्ट्रेशन के लिए 500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस प्राधिकरण ने रखी है। जो 1 साल के लिए निर्धारित की गई है। शहरवासी घर बैठे नोएडा प्राधिकरण पेट रजिस्ट्रेशन एप पर अपने जानवरों का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 28 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन करवाने पर 500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस के साथ 200 रुपये जुर्माने को देना होगा। अगर उसके बाद भी पेट का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया तो मार्च से हर दिन 10 रुपए का जुर्माना के हिसाब से प्राधिकरण वसूली करेगा। साथ ही अथॉरिटी ने 6 महीने से बड़ा कुत्ता-बिल्ली का नसबंदी करवाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा ना करवाने वाले लोगों पर अथॉरिटी हर महीने 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाएगा।

12 दिसंबर 2022 से पेट पॉलिसी लागू
नोएडा प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, शहर में बढ़ रहे डॉग बाइट के वजह से प्राधिकरण ने नया नियम लागू किया है। 12 दिसंबर 2022 से पेट पॉलिसी के तहत पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। अब तक 31 दिसंबर 2022 तक प्राधिकरण में कुल 3938 कुत्ते-बिल्लियों के पंजीकरण करने की आवेदन आए थे। इनमें से अभी तक 3136 कुत्ते या बिल्लियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसमें अथॉरिटी के फेज-1 में 1435 और फेज-2 में 1731 रजिस्ट्रेशन शामिल हैं। 416 फॉर्म गलतियों के कारण रिजेक्ट भी हुए हैं। बाकी लोगों ने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है।

पालतू जानवरों से जुड़े बनाए गए 12 खास नियम
  1. सभी पालतू कुत्तों और बिल्लियों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क कुत्ते-बिल्ली के मालिक को जमा करना होगा। सामान्य रूप से रजिस्ट्रेशन शुल्क ₹500 प्रति वर्ष निर्धारित किया गया है। यह अप्रैल महीने में जमा करना होगा। मतलब, हर साल अप्रैल महीने में रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल करवाना जरूरी है।
  2. रजिस्ट्रेशन केवल एक साल के लिए मान्य होगा। हर साल अप्रैल महीने में इसका नवीनीकरण करवाना है। रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नोएडा अथॉरिटी के वरिष्ठ परियोजना अभियंता (जन स्वास्थ्य) या प्राधिकरण द्वारा नियुक्त प्राधिकारी करेंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्टर्ड पशु चिकित्सक की ओर से जारी टीकाकरण कार्ड दिखाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन हर साल 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के मध्य करना होगा। यह आवेदन कुत्ते और बिल्ली के मालिकों को प्राधिकरण के ऑनलाइन एप करना है। अगर कोई निवासी नया कुत्ता या बिल्ली लेकर आता है तो उसे अधिकतम 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
  3. अगर किसी कुत्ता या बिल्ली को कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है तो परामर्शदाता पशु चिकित्सक से प्रमाण पत्र लाकर देना होगा। नोएडा अथॉरिटी के 'पेट रजिस्ट्रेशन एप' पर पंजीकृत कुत्तों के लिए मुफ्त एंटी रेबीज वैक्सीन की सुविधा इंपैनल्ड डॉक्टर और सरकारी अस्पताल के माध्यम से दी जाएगी। नसबंदी और चिकित्सकीय सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9999352343 पर संपर्क करना होगा।
  4. मालिक पालतू जानवरों को बिना पट्टे के घर से बाहर घुमाने नहीं लेकर जाएंगे। यह पट्टा अथॉरिटी की ओर से जारी किया जाएगा। जिस पर एक बारकोड होगा। बारकोड में पालतू जानवर से जुड़ा पूरा ब्यौरा होगा।
  5. किसी भी पालतू जानवर को घर के बाहर अकेला छोड़ना प्रतिबंधित है। पालतू कुत्तों को सोसाइटी की सर्विस लिफ्ट से ही आवागमन करवाना होगा। कुत्ते का मालिक लिफ्ट में सावधानीपूर्वक आवागमन करेगा। कुत्तों के मुंह पर मजल बांधना जरूरी होगा। जिससे किसी दूसरे व्यक्ति पर हमला ना करें और हमले की स्थिति में दूसरों को नुकसान ना हो। अगर पालतू कुत्ते ने सार्वजनिक स्थान पर शौच किया तो उसकी सफाई की जिम्मेदारी मालिक पर होगी।
  6. पालतू कुत्ते या बिल्ली की मृत्यु होने पर नोएडा अथॉरिटी के पेट रजिस्ट्रेशन एप पर सूचना देनी होगी। अपडेट करना अनिवार्य होगा। पालतू कुत्ते या बिल्ली पर क्रूरता करने की शिकायत मिली तो नोएडा प्राधिकरण जांच करेगा। आरोप सही पाया गया तो मालिक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  7. पालतू कुत्ते या बिल्ली को लावारिस छोड़ने वालों पर भी कार्यवाही होगी। ऐसी शिकायत मिलने पर प्राधिकरण जांच करेगा। आरोप सही पाया गया तो कुत्ता या बिल्ली पालने वाले पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोएडा प्राधिकरण की इस नीति में तय किया गया है कि कोई भी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन, ग्राम पंचायत या गांव में काम करने वाली कोई संस्था इस पॉलिसी से अलग नियम या पाबंदी नहीं लगा सकते हैं।
  8. नोएडा प्राधिकरण के पूरे दायरे में किसी भी रिहायशी इलाके में प्रजनन केंद्र खोलना प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति अपने फ्लैट या घर में ब्रीडिंग सेंटर नहीं चलाएगा। ब्रीडिंग सेंटर चलाने की अनुमति प्राधिकरण सत्यापन के बाद देगा। इसके लिए बाकायदा एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
  9. प्राधिकरण के पेट रजिस्ट्रेशन ऐप पर 31 जनवरी 2030 तक ₹500 का भुगतान करके पंजीकरण किया जा सकता है। इस दौरान कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी। 1 फरवरी 2023 से 28 फरवरी तक ₹200 पेनल्टी के साथ रजिस्ट्रेशन होगा। मतलब इस दौरान ₹700 देकर कुत्ता या बिल्ली का रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। 1 मार्च 2023 से 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करवाने वालों को ₹700 और मार्च के महीने में प्रतिदिन के हिसाब से ₹10 अतिरिक्त पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा। 1 मई के बाद और 31 मई से पहले अगर कोई नया कुत्ता या बिल्ली पालता है तो उसे ₹700 चुकाकर रजिस्ट्रेशन दिया जाएगा। 1 जून या उसके बाद कोई नया कुत्ता-बिल्ली पालता है तो उसे रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए ₹500 रजिस्ट्रेशन शुल्क, ₹200 विलंब शुल्क और ₹10 प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।
  10. यह नीति लागू होने के बाद 6 महीने के भीतर पालतू कुत्ते और बिल्ली की नसबंदी करवाना अनिवार्य होगा। 31 जनवरी 2023 तक बिना जुर्माना नसबंदी करवाई जा सकती है। इस समय सीमा का उल्लंघन करने वालों को प्रतिमाह ₹2000 जुर्माना भरना पड़ेगा।
  11. अगर किसी व्यक्ति का पालतू कुत्ता या बिल्ली हमला करता है तो घायल व्यक्ति के पूरे इलाज का खर्च मालिक को वहन करना पड़ेगा। कुत्ता मालिक से विकास प्राधिकरण ₹10,000 जुर्माना वसूल करेगा। 
  12. अगर किसी व्यक्ति ने अपना पालतू जानवर सड़क, गली, मोहल्ले, हाउसिंग सोसायटी या गांव में खुला छोड़ दिया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार ₹100, दूसरी बार ₹200 और तीसरी बार ₹500 अर्थदंड लगेगा। इसके बाद भी अगर पालतू पशु को खुला छोड़ा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शहर में कोई भी व्यक्ति व्यवसायिक दृष्टिकोण से ब्रीडिंग सेंटर अपने फ्लैट या मकान में नहीं खोल सकेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 का अर्थदंड लगेगा और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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