बड़ी खबर : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 3 बिजली विभाग के इंजीनियरों पर गिरी गाज, 14 का वेतन रोका

नोएडा | 2 साल पहले | Nitin Parashar

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



Noida : जनपद गौतमबुद्ध नगर में हुए बिजली अस्थाई कनेक्शन धांधली में अधिशासी अभियंता समेत बिजली विभाग के  तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि कई अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और वेतन रोकने सहित विभिन्न प्रकार की कार्रवाई की गई है।

बड़े पैमाने पर धांधली
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्य के लिए जारी अस्थाई बिजली कनेक्शन में बड़े पैमाने पर धांधली के मामले में तत्कालीन अधिशासी अभियंता प्रभात कुमार सिंह, तत्कालीन उप खंड अधिकारी चंद्रवीर और अवर अभियंता विशाल शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। इनसे पावर कारपोरेशन को हुई आर्थिक क्षति की वसूली के आदेश भी दिए गए हैं। इसके अलावा एक अधिशासी अभियंता, 4 सहायक अभियंता, 8 अवर अभियंता तथा एक सहायक लेखाकार के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए वेतन वृद्धि रोकने और राजस्व की क्षति की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। इन सभी को परिनिंदा प्रविष्टि भी दी गई है।

धांधली का खुलासा
 मालूम हो कि पिछले साल नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग विद्युत वितरण खंडो में निर्माण कार्यों के लिए जारी अस्थाई बिजली कनेक्शन में बड़े पैमाने पर धांधली का खुलासा हुआ था। शुरुआती जांच के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तैनात रहे 23 इंजीनियरों को इनके मौजूदा तैनाती स्थल से स्थानांतरित करते हुए चार्जसीट दी गई थी। साथ ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। इनमें तीन अधिशासी अभियंता, 8 सहायक अभियंता और 12 अवर अभियंता शामिल थे। अंतिम जांच रिपोर्ट के बाद सोमवार को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एवं देवराज ने 3 अधिकारियों की बर्खास्तगी और 14 अन्य के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया।

लापरवाही बरतने का आरोप
पावर कार्पोरेशन प्रबंधन का कहना है कि जांच में ग्रेटर नोएडा में ही सबसे ज्यादा शिकायत सही पाई गई। एक बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी समेत कई बड़ी कंपनियों को अस्थाई कनेक्शन जारी करने में लापरवाही बरतने के आरोप की पुष्टि हुई है।

इन पर गिरी गाज
ग्रेटर नोएडा के तत्कालीन सहायक अभियंता (राजस्व) संजीव कुमार की एक वार्षिक वेतन रोकी गई है। और अवर अभियंता साजिद अहमद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई है। अन्य अभियंताओ में महेश कुमार की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के साथ 4,75,980  रूपए की वसूली, ब्रिज किशोर राय और डालचंद की 1-1 वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के साथ 71,323-71323  रूपए की वसूली। अरविंद की एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के साथ 31,454 रूपए की वसूली।

राजकुमार की एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के साथ 50,244 रूपए की वसूली। सुभाष गौतम की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक के साथ 5,27,381 की वसूली, नीरज गुप्ता की एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोकने के साथ 1,13,792 की वसूली और तत्कालीन सहायक लेखाकार अनिल राणा की दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक के साथ 2,15,711 रूपए की वसूली का आदेश दिया गया है। जांच के दायरे में आए चार अभियंताओं पर आरोप साबित नहीं हुए हैं।

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