भाजपा नेता अपहरण मामला : जीजा की शिकायत पर जयपुर पुलिस ने उठाया था अजय यादव, पूछताछ के बाद छोड़ा तो हुआ खुलासा

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | अजय यादव और केशव प्रसाद मौर्य



Noida News : नोएडा के भाजपा नेता अजय यादव को जयपुर पुलिस उठाकर ले गई थी, लेकिन पूछताछ के बाद अजय यादव को छोड़ दिया गया। पता चला है कि अजय यादव का उसके जीजा से विवाद चल रहा है। वह अपनी बहन को हक दिलाना चाहता है। जिसकी वजह से अजय यादव और उसके जीजा मुकेश यादव के बीच मनमुटाव चल रहे हैं। अजय यादव का आरोप है कि उसके जीजा मुकेश यादव ने जयपुर और नोएडा पुलिस से सांठगांठ करके उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए हैं। हालांकि, पुलिस ने नोएडा में पूछताछ के बाद अजय यादव को छोड़ दिया।

जयपुर और नोएडा पुलिस पर आरोप
दरअसल, नोएडा के सेक्टर-34 में स्थित मानस अस्पताल के पास से भाजपा नेता मुकेश यादव को जयपुर पुलिस ने उठा लिया था। अजय यादव से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद जयपुर पुलिस ने अजय को छोड़ दिया था। पुलिस हिरासत से बाहर आते ही अजय यादव ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जयपुर और नोएडा पुलिस से सांठगांठ करके उसके जीजा मुकेश यादव ने उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए हैं। मामला लेनदेन का है। लेनदेन के विवाद में उसका जीजा उसके ऊपर अलग-अलग तरीके से दवाब बना रहा है। 

7 करोड़ रुपए का मामला
अजय यादव के भाई अमित यादव का कहना है कि वर्ष 2019 में उनके जीजा मुकेश यादव की भाभी प्रियंका ने गुरुग्राम पुलिस को 7 करोड़ रुपए के चेक के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन जब पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मामला फर्जी निकला। बाद में फाइल को बंद कर दिया गया। उसके बाद उसके जीजा की भाभी के पति यानी कि मुकेश यादव के भाई विशाल ने जयपुर की अशोकनगर थाना पुलिस को शिकायत देते हुए 7 करोड़ रुपए के चेक लेनदेन का आरोप लगाया था। यह आरोप अजय यादव के साथ लेनदेन का लगाया गया था। 

मामला गलत निकला तो पुलिस को लगी फटकार
अमित यादव ने बताया कि जयपुर पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद और मुकदमा अपराध संख्या 257-19 में एफआर लगा दी। इसके बाद इसी मामले में तीसरी शिकायत थाना सेक्टर-49 नोएडा में की गई। यहां भी 7 करोड रुपए के चेक से लेनदन और गबन के आरोप लगाए गए थे। नोएडा पुलिस ने रिपोर्ट भी दर्ज कर ली, लेकिन मामला गलत मिला। जिसके बाद पुलिस को फटकार झेलनी पड़ी। फिलहाल एंटी करप्शन में भी इस मामले में जांच कर रही है।

नोएडा से जयपुर पुलिस ने उठाया
अजय यादव के भाई ने बताया कि बीते 2 फरवरी 2023 को दिल्ली में आपसी सहमति पर समझौता हुआ। उनकी बहन प्रीति को 7 करोड रुपए लेन-देन में आगे किया गया। अजय यादव की बहन प्रीति को उसके जीजा मुकेश यादव ने चेक दे दिए। अब इन चेकों के माध्यम से प्रीति और अजय रुपए ना मांगे। इसी को लेकर दबाव बनाने की एक और रणनीति तैयार कर ली गई। जयपुर के थाना चामू में अजय यादव के खिलाफ फिर से पुराने आधारों पर ही रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट दर्ज होने के कई महीने तक अजय को खबर नहीं हुई और जब समय रुपये लेने का आया। तब पुलिस से सांठगांठ कर नोएडा से अजय को उठवा लिया गया। 

मामला हाईलाइट होने पर पूछताछ के बाद छोड़ा
जब अजय यादव नोएडा से गायब हुए तो सेक्टर-24 में अपहरण की शिकायत दी गई। जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि अजय को जयपुर पुलिस उठा कर दी गई है। मामला हाईलाइट होने के बाद पुलिस ने अजय यादव को छोड़ दिया। अजय यादव का कहना है कि पूछताछ के बाद उसको छोड़ा गया है।

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