Noida News : सौर ऊर्जा न सिर्फ आज की बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी आवश्यकता है। इसके प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं में से एक सूर्यघर नि:शुल्क बिजली योजना भी है। योजना के तहत 10 किलोवाट तक की क्षमता वाले सोलर सिस्टम को लगाने पर पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है। तो देर किस बात की है सूरज से बिजली बनाएं और अपने घर के प्रयोग के साथ ही अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेच दें। जिससे आपका बिल हो जाएगा लगभग खत्म और घर भी बिजली से गुलजार रहेगा।
30 हजार से 78 हजार तक की सब्सिडी
सरकार द्वारा विभिन्न क्षमता के सोलर सिस्टम लगवाने पर सब्सिडी दी जा रही है जिससे लोग सोलर सिस्टम आसानी से लगा सकें। सरकार से मिलने वाली यह सबसिडी सीधे बैंक खाते में पहुंचती है। इसके लिए अपने राज्य की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करने के साथ अधिक जानकारी ली जा सकती है।
इस तरह मिल रही है सब्सिडी
सोलर सिस्टम की क्षमता - सब्सिडी
1 किलोवाट तक - 30,000 रुपये
2 किलोवाट तक - 60,000 रुपये
3 से 10 किलोवाट तक - 78,000 रुपये
ऐसे लगवाएं सोलर सिस्टम
ऑनग्रिड सोलर सिस्टम सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है है क्योंकि इसमें उत्पन्न बिजली को सीधे ग्रिड में भेजा जाता है। इससे आपके बिजली के बिल में तो कमी आएगी ही, आपको बैटरी स्टोरेज की जरूरत भी नहीं होती। इस तरह के सोलर सिस्टम में पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल का उपयोग होता है और नेट मीटर की मदद से बिजली के बिल की गणना की जाती है।
ऐसे करें आवेदन
सोलर पैनल लगवाने के लिए ऐसी एजेंसी का चयन करें, जो मिनीस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी और राज्य सरकार की नोडल एजेंसियों के साथ सूचीबद्ध हो। इसके बाद एजेंसी आपको सब्सिडी के पाने के लिए आवेदन पत्र देगी। सब्सिडी की मंजूरी मिलने पर एजेंसी द्वारा सोलर सिस्टम लगाया जाएगा और नेट मीटरिंग की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा। नोडल एजेंसी के सत्यापन और निरीक्षण के बाद सब्सिडी के रूप में मिलने वाली राशि आपके खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
सोलर पैनल सिस्टम से ऐसे बनती है बिजली
सोलर पैनल सिस्टम का सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण हिस्सा सोलर पैनल होता है। जिसमें सौर सेल्स लगे होते हैं। ये सेल्स अर्ध चालक पदार्थों से बने होते हैं, जो पैनल पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को इलेक्ट्रॉन में बदलते हैं। इससे डायरेक्ट करंट की धारा पैदा होती है। इस प्रक्रिया से बनने वाली बिजली को उपयोगी रूप में परिवर्तित करने के लिए कई और उपकरण सोलर पैनल सिस्टम में लगे होते हैं। जिससे पैनल द्वारा बनाई गई बिजली से बैटरी चार्ज करने के साथ सीधे भी बिजली के उपकरणों में प्रयोग किया जा सकता है।