Noida News : यह वर्ष चुनावी साल है। लोकसभा चुनाव-2024 (LokSabha Election-2024) अब से कुछ महीनों के फासले पर खड़ा है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party (BJP) के पास जहां अपना पुराना ट्रैक रिकॉर्ड सुधारने की चुनौती है, वहीं विपक्ष के सामने अपने अस्तित्व को बचाए रखने का चैलेंज। इस वक्त पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के सामने अपना वोट शेयर बढ़ाने की सबसे बड़ी चुनौती है। देश को सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें देने वाले उत्तर प्रदेश पर इस वक्त बीजेपी का सारा ध्यान है। इंडिया गठबंधन से मुकाबले के लिए उसे अपने वोट शेयर में कम से कम 10 फीसदी का इजाफा करना होगा। अब तक सारे हथकंडे आजमा चुकी भाजपा की निगाहें आखिर, मुस्लिम महिलाओं पर जाकर टिक गईं हैं। इसके लिए पार्टी ने मेगा प्लान तैयार किया है। इसके तहत यूपी में 80,000 मुस्लिम महिलाएं मोदी के मुराद को पूरा करेंगी।
2019 का लोकसभा परिणाम
सत्ताधारी भाजपा ने साल-2019 के आम चुनावों में 37.36% वोट मिले थे, जबकि एनडीए का संयुक्त वोट शेयर 60.37 करोड़ वोटों के साथ लगभग 45% था। भारतीय जनता पार्टी को 37.36% वोट मिले, जो 1989 के आम चुनाव के बाद से किसी भी राजनीतिक दल को मिला सबसे अधिक वोट शेयर था। पार्टी ने 303 सीटें जीतीं। इसके अलावा, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) (National Democratic Alliance (NDA) ने 353 सीटें जीतीं थी। साल-2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 105 सीटों पर 3 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। जो साल-2014 की तुलना में 63 सीटें अधिक थीं। यह दर्शाता है कि विपक्षी दलों के सामने साल-2024 के आम चुनावों में चुनौती कितनी बड़ी है।
बिखरा हुआ विपक्ष
साल-2014 और 2019 में, भाजपा को बिखरे विपक्ष का भरपूर लाभ मिला। उसने शानदार प्रदर्शन करते पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। लेकिन, अब साल-2024 का सियासी माहौल पहले से जुदा हैं। लगातार दो आम चुनाव हारने के बाद विपक्ष पिछली विफलताओं से सबक सीखने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है। जुलाई-2023 में, 28 से अधिक विपक्षी दलों ने एक नए गठबंधन का ऐलान किया। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) (Indian National Development Inclusive Alliance (INDIA) नाम के गठबंधन के झंडे तले अधिकतर पार्टियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। बीते चुनाव आम चुनाव में विपक्षी दलों का वोट शेयर करीब 63 परसेंट था। लेकिन, तब यह ये दल टुकड़ों में बंटे थे। इसी का नतीजा था कि बीजेपी ने 37 फीसदी वोट शेयर के बावजूद 303 सीटों पर कब्जा कर लिया। लेकिन, अब 63 फीसदी वोट शेयर वाली पार्टियों की एकजुटता ने बीजेपी के माथे पर बल डाल दिया है।
बीजेपी को 10 परसेंट की चिंता
हाल में दिल्ली में हुई बीजेपी के शीर्ष नेताओं और रणनीतिकारों की बैठक में पीएम मोदी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि इस बार साल-2019 के मुकाबले 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो मुश्किलें आ सकती हैं। बीजेपी इस बात को भी अच्छी तरह समझ रही है कि 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाना आसान नहीं है। हिन्दुत्व और जातीय समीकरण को पार्टी पहले ही आजमा चुकी है। उसी की बदौलत वह लगातार दो बार सत्ता में आई है। लेकिन, अब वह 10 फीसदी वोटों की तलाश में भटक रही है। हालांकि बीजेपी की अगुवाई में बने एनडीए (NDA) गठबंधन में 38 सियासी दल शामिल हैं। लेकिन, उनमें कोई भी ऐसा नहीं है, जो मोदी की मुराद पूरी कर सके। बीजेपी को इस बात का अहसास है कि कुनबा बड़ा होने से उनकी ताकत में इजाफा नहीं होगा। उसे अपने दम पर ही लक्ष्य हासिल करना होगा। उसे यह भी पता है कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (INDIA) गठबंधन में शामिल दलों के पास अपने-अपने राज्यों और इलाकों में अच्छी पकड़ है। जातीय समीकरण या सोशल इंजीनियरिंग के आंकड़े भी विपक्ष का पक्ष ले रहे हैं।
मुस्लिम महिलाओं को रिझाने का मेगा प्लान
आगामी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने लखनऊ में दिसंबर में लगातार तीन दिनों तक सभी मोर्चों, जिलाध्यक्षों, क्षेत्रीय अध्यक्षों, विस्तारकों के साथ मैराथन बैठक की थी। उसमें पार्टी ने सभी मोर्चों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। राम मंदिर, हिन्दुत्व, जातीय समीकरण और राष्ट्रवाद का तड़का बीजेपी पहले ही लगा चुकी है। इंडिया गठबंधन को मात देने और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वह 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने के लिए चारों दिशाओं में भटक रही है। आखिर, अब उसकी निगाहें मुस्लिम महिलाओं पर जाकर टिक गई हैं। पीएम मोदी और पार्टी के चाणक्य अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को मुस्लिम महिलाओं को रिझाने और अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी मुस्लिम मोर्चा को दी है। इस प्लान के तहत मुस्लिम मोर्चा अब यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर 'शुक्रिया मोदी भाईजान' कैंपेन की शुरुआत करने जा रहा है। इस कार्यक्रम की टैग लाइन होगी 'ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है।' इस अभियान के जरिए BJP अल्पसंख्यक मोर्चा यूपी की बड़ी मुस्लिम आबादी को कवर करेगी। इस कैंपेन से प्रति सीट 1000 मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस तरह यूपी की सभी 80 सीटों पर 80,000 मुस्लिम महिलाएं बीजेपी के वोट शेयर में 10 फीसदी का इजाफा करेंगी। मोदी और शाह को लगता है कि यह कैंपन इंडिया गठबंधन को एक बार फिर विपक्ष में बिठाने में ब्रह्मास्त्र साबित होगा।