Noida News : माफिया अतीक अहमद के खूंखार कुत्ते नोएडा में लेंगे शरण ! शहर का एनजीओ आगे आया

नोएडा | 2 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | माफिया अतीक अहमद के खूंखार कुत्ते



Noida News : दिनदहाड़े हुई उमेश पाल की हत्या के बाद गैंगस्टर अतीक अहमद के परिजन और करीबी फरार चल रहे हैं। इस हत्याकांड से जुड़े आरोपी ही नहीं उनके वफादार पालतू कुत्ते भी मुसीबत में हैं। शुक्रवार को अतीक अहमद की बेहद प्रिय पालतू फीमेल डॉग ब्रूनो की मौत हो गई। शनिवार को उसके साथी ब्राउनी की भी मौत हो गई। अतीक अहमद ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए 5 पालतू कुत्तों को पाल रखा था। उनमें से दो की मौत हो गई है। बाकी बचे कुत्तों की देखरेख के लिए नोएडा का एक एनजीओ आगे आया है। एनजीओ ने प्रशासन से बाकी कुत्ते उन्हें सौंपने की अपील की है।

गैंगस्टर के पालतू कुत्ते भूख के कारण तड़प रहे
अतीक अहमद के परिजन और करीबी घर से फरार हैं। ऐसे में गैंगस्टर के पालतू कुत्ते भूख के कारण तड़प रहे हैं। समय पर खाना ना मिलने की वजह से ब्रूनो और ब्राउनी की मौत हो गई है। उन बेजुबानों को एडॉप्ट करने के लिए ग्रेटर नोएडा की डॉग लवर और 'मदर ऑफ़ डॉग्स' के नाम से मशहूर कावेरी राणा भारद्वाज आगे आई हैं। उन्होंने ट्वीटर पर प्रशासन से अपील की है कि भूखे-प्यासे परेशान कुत्तों को उन्हें सौंप दिया जाए। आपको बता दें, यह कुत्ते विदेशी ब्रीड ग्रेट डेन के हैं। जब अतीक अहमद का रुतबा उत्तर प्रदेश में चलता था, तब उसने इन कुत्तों को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मिलवाया था। आजकल इन कुत्तों का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

ट्राईसिटी टुडे से बातचीत में कावेरी राणा भारद्वाज
ट्राईसिटी टुडे से बातचीत करते हुए डॉग लवर कावेरी राणा भारद्वाज ने कहा, "अतीक और इसके अपराधी साथियों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है, जिस कारण सभी फरार चल रहे हैं। अब कुत्तों की क्या गलती है? पड़ोसी कुत्तों को डर के मारे खाना-पानी नहीं दे रहे हैं। इसलिए हमने यूपी पुलिस और सीएम योगी आदित्यनाथ जी से सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है कि वो कुत्ते हमें दे दिए जाएं। शासन और प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद एनजीओ की एक टीम प्रयागराज जाकर उन कुत्तों को नोएडा लेकर आ जाएगी। उनकी देखरेख की जिम्मेदारी का खर्चा एनजीओ उठाएगा।"

जोशीमठ शहर स्ट्रीट डॉग्स अकेले रह गए
आपको बता दें कि पिछले दिनों उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में प्राकृतिक आपदा आई थी। पूरा कस्बा जमीन दरकने के कारण संकट में था। उस दौरान उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ शहर से निवासियों को विस्थापित किया था। ऐसे में वहां स्ट्रीट डॉग्स अकेले रह गए थे। निवासियों के जोशी मठ चले जाने से बड़ी संख्या में कुत्ते भूख और प्यास से परेशान थे। ऐसे में कावेरी राणा भारद्वाज और उनके एनजीओ की टीम जोशीमठ गई थी। वहां से 27 कुत्तों को रेस्क्यू किया था। बड़ी संख्या में स्ट्रीट डॉग्स और दूसरे जानवरों को रेस्क्यू करने में कावेरी राणा भारद्वाज और उनके एनजीओ ने उत्तराखंड सरकार की मदद की थी।

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