Greater Noida News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन सरदार मोहिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की परतें एक-एक कर खुलती जा रही हैं। ट्राईसिटी टुडे की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में हम काले कारनामों के कच्चे चिट्ठे खोल रहे हैं। पेश है दूसरी कड़ी..
किसानों के मुआवजे से भी कम कीमत पर बांटी जमीन
सरदार मोहिंदर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 17 व्यक्तियों और 15 बिल्डरों को बेहद सस्ती दरों पर यमुना प्राधिकरण की जमीन आवंटित की थी। यह किसानों को दिए गए मुआवजे से भी कम कीमत पर दी गई। ये जमीनें टाउनशिप और संस्थागत परियोजनाओं के लिए आवंटित की गई थीं, जिससे यमुना प्राधिकरण को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसकी भरपाई प्राधिकरण आज तक नहीं कर पाया है।
500 बीघा जमीन कर दी बैकलीज
इसके अलावा, प्राधिकरण की 500 बीघा जमीन की बैकलीज कर दी गई, जिससे प्राधिकरण को और वित्तीय हानि हुई। सरदार मोहिंदर सिंह पर आरोप है कि बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल के दौरान उन्होंने बिल्डरों को औने-पौने दामों पर जमीनें आवंटित कर दीं। उनके कार्यकाल में यमुना प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं सामने आई हैं। बेटा करता है बेनामी संपत्ति की देखरेख
तीन दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरदार मोहिंदर सिंह के नोएडा, लखनऊ, और चंडीगढ़ स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, मोहिंदर सिंह के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं, जिनमें से कई बेनामी संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों की देखरेख उनके बेटे द्वारा की जाती है। ईडी की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है, जिससे इस मामले में नई जानकारी सामने आ सकती है।