Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा
New Delhi/Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा ने बुधवार को बुधवार को लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के फ्लैट खरीदारों का मुद्दा उठाते हुए कहा, "सरकार को फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। बिल्डरों ने फ्लैट बायर्स की गाढ़ी कमाई हड़प ली है।" सांसद ने अपने बयान का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया है। कुछ लोगों ने उनका यह वीडियो जिले के तमाम व्हाट्सएप ग्रुप्स भी साझा किया। इस वीडियो को देखकर फ्लैट बायर्स ने तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक निवासी ने लिखा, "चुनाव आने वाले हैं क्या?"
सांसद ने लोकसभा में कहा...
महेश शर्मा ने बुधवार को लोकसभा में गौतमबुद्ध नगर के फ्लैट खरीदारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "वर्षों से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं। बिल्डरों ने उनकी जमा पूंजी हड़प ली है। करीब 25% बिल्डर जेल चले गए हैं या जेल जाने के कगार पर हैं। दूसरी ओर फ्लैट खरीददार परेशान घूम रहे हैं। उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। बायर्स की मदद करने के लिए सरकार ने रेरा का गठन किया है लेकिन रेरा से भी कोई मदद नहीं मिली है। बायर्स को उनके फ्लैट्स पर पजेशन नहीं मिल रहा है। एक तरफ उन्हें घर का किराया देना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ बैंक का ब्याज भर रहे हैं। लोग बड़ी पीड़ा में हैं। मैं सदन के माध्यम से मांग करता हूं कि सरकार को उनका संरक्षण करना चाहिए।"
लोगों ने दीं यह प्रतिक्रियाएं
बुधवार की शाम सांसद ने यह बयान अपने फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर साझा किया। जिसे लेकर गौतमबुद्ध नगर के फ्लैट खरीदारों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। ट्वीटर पर गौरव छिब्बर ने लिखा, "आखिरकार 10 साल बाद नोएडा के सांसद ने वास्तविक मुद्दे के बारे में बात की है। आशा है कि वित्त मंत्री और शहरी विकास मंत्री बिल्डर, प्राधिकरण, राजनेताओं के बीच भ्रष्टाचार व सांठगांठ की इस दशक पुरानी गड़बड़ी को सुलझाएंगे।" शहर के वरिष्ठ पत्रकार विक्रम शर्मा ने लिखा है, "सांसद जी! कब तक पुरानी सरकारों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते रहेंगे। केंद्र में आपकी सरकार को आये हुए करीब 9 साल और यूपी में साढ़े पांच साल हो चुके हैं। क्या खरीदारों को इंसाफ दिलाने के लिए इतना वक़्त काफी नहीं? या फिर जनता के बीच जाकर फिर से इसी आधार पर वोट मांगेंगे?" एक अन्य ट्विटर यूजर अमित चौधरी भी कुछ ऐसा ही लिखते हैं, "मान्यवर! केन्द्र में सरकार 8 साल से है, राज्य में 6 साल से, एक कदम मध्यम वर्ग के लिए नहीं उठाया। सहायता तो दूर की बात बिल्डरों की लूट से ही जनता को नहीं बचा पा रही है सरकार। क्या किसी गलत नीति को बदलने में 8 साल या 6 साल लगते हैं। बिल्कुल नहीं।"
अपनी नाकामी का ठीकरा पिछली सरकार पर मत फोड़ो
पैट्रियोट नाम के ट्विटर यूजर ने सांसद की वीडियो पर कमेंट किया है। उसने लिखा, "कब तक अपनी नाकामियों का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ते रहोगे नेता जी। जनता को इतनी भी मूर्ख नहीं समझो, 8 साल से आप सांसद हैं।" प्राउड इंडियन ने लिखा, "सर.. आपको संसद में एक संक्षिप्त उल्लेख करने के अलावा और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है? केंद्र और यूपी दोनों सरकारें आपकी पार्टी की हैं। वे पिछले 5 वर्षों से आवश्यक कार्य क्यों नहीं कर रहे हैं? आप अब तक चुप क्यों थे? नीति से अधिक आपका खराब कार्यान्वयन है, जिसने यह स्थिति लाई है।" चौधरी कवित गुर्जर ने लिखा, "डॉक्टर साहब आपने तो ख़ुद सरकारी हॉस्पिटल नहीं चलने दिया, जो बहन जी ने बनवाया था। कभी आपकी दुकान बंद हो जाए। दूसरे पर कीचड़ मत फेंको।" आशीष मोहन गुप्ता लिखते हैं, "यह बुरा हाल है डबल इंजन की सरकार का। खुद बेचारे सांसद लाचार दिखते हैं। वैसे ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं है, स्पीकर महोदय के चेहरे की मुस्कान सब कुछ बयां कर रही है। 'लिप सर्विस' बंद करें और अगर आपके बस में है तो सच में कुछ करके दिखाएं।"
'वीडियो ऐसे डाला जैसे बड़ा मुद्दा उठाया, की बस राजनीति'
राधा कुंज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव राजेश दुबे ने लिखा है, "माननीय सांसद जी! लगभग ढाई लाख जनता जो कि गाजियाबाद से लेकर के कुलेसरा ग्रेटर नोएडा तक फैली है, जिनके पास बिजली कनेक्शन तक नहीं है, उनकी बात भी कह देते। आप तो पूरे क्षेत्र के सांसद हैं ना... निंदनीय।" नोएडा सेक्टर-74 में सुपरटेक केपटाउन हाउसिंग सोसाइटी के रेजिडेंट्स ने लिखा, "ये तो आपने सरकार पर उंगली उठा दी। सरकार ने रेरा का गठन किया और सरकार फेल हो गई। बेहतर होता रजिस्ट्री का भी मुद्दा उठा देते। 25 बिल्डर कौन-कौन जेल गए? या फिर सिर्फ कागज पर ही हैं। वीडियो तो आपने ऐसे डाला जैसे बहुत बड़ा मुद्दा बोला हो सदन में, यह तो बस राजनीति है।" एक और ट्विटर यूजर रवि कुमार ने लिखा, " सर आज से दो महीना पहले हम लोग आपके पास अपनी सेक्टर-86 में लाइट की समस्या को लेकर आये थे। अपने एक्शन भी लिया था पर अधिकारी के कानों पर जू नहीं रेंगी। हमारा काम नहीं हुआ। हमको लाइट नहीं मिली।" धीरज गुप्ता संसद को जवाब देते हुए लिखते हैं, "सर 10 साल हो गए हैं। अगर यूपी और सेंट्रल में बीजेपी की अपनी टीम है और उन्हें इतना समय लगता है तो मुझे खेद है कि आप अपने क्षेत्र की जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं। लिखित में दें और पीएम-सीएम से बात करें। आपको सक्रिय होना चाहिए।"
'लगता है चुनाव आने वाला है'
सांसद के इस वीडियो को लेकर ट्विटर और फेसबुक की ही तरह व्हाट्सएप ग्रुप पर भी लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के एक ग्रुप पर बुधवार की देर शाम यह वीडियो साझा किया गया। जिस पर गौरव गुप्ता ने लिखा, "इलेक्शन आने वाले हैं क्या?" इस कमेंट पर देव मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "हां, बस 14 15 महीने बचे हैं।" ग्रुप के एक अन्य सदस्य सुजीत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "गांव की जमीन खिसकने से हाईराइज तरफ अभी से ही आस है वोट का।" इसके आगे गौरव गुप्ता लिखते हैं, "सबसे फर्जी एमपी।" लोगों की प्रतिक्रियाओं का सिलसिला यहीं नहीं रुका। मुकेश कुमार पाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ग्रुप पर लिखा है, "अमूमन सभी के यही हालात है। और जिनके रीढ़ की हड्डी है, वो लगभग साइडलाइंड हैं। अधिकतर एस सर वाले हैं।"
इसके बाद मैदान में कूदे भाजपाई
सांसद की वीडियो पर आम आदमी की तीखी प्रतिक्रियाएं देखकर क्राइसिस मैनेजर मैदान में उतारे गए। सांसद के इर्द-गिर्द दिखने वाले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 'मेरा सांसद मेरा अभिमान', 'सांसद जी की जय हो' और 'गौतमबुद्ध नगर के सम्मान में महेश शर्मा मैदान में' जैसे तमाम कमेंट करने शुरू कर दिए। कुल मिलाकर साफ है कि 8 साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद सांसद महेश शर्मा को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लाखों फ्लैट खरीदारों की याद आई है। अब वह रेरा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं। हकीकत यही है कि जब चुनाव आता है तो नेताओं को फ्लैट खरीदारों की याद सताने लगती है।"