छा गए राकेश टिकैत : सेंचुरी आइकॉन अवार्ड में हुआ नाम फाइनल, लंदन में होगी विजेताओं की घोषणा, जानिए क्यों

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | राकेश टिकैत का सेंचुरी आइकॉन अवार्ड में हुआ नाम फाइनल



Farmers Protest : राकेश टिकैत के आंदोलन के कारण कृषि कानून वापस हो गया है। जिसके बाद राकेश टिकैत का नाम 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड में दर्ज हो गया है। आगामी 10 दिसंबर 2021 को विजेताओं की घोषणा की जाएगी। आइकॉन अवार्ड के फाइनलिस्ट की घोषणा लन्दन में होगी। कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद लंदन की कंपनी ने अवार्ड के लिए राकेश टिकैत का नामांकन किया। लंबा आंदोलन चलाने और आंदोलन को जीवंत रखने की वजह से टिकैत का चयन किया गया है।

लंदन की कंपनी ने किया नाम शामिल
लंदन की स्क्वेयरड वाटरमेलन कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाली शख्सियतों को हर साल आइकॉन अवार्ड देती है। कंपनी की ओर से 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड के फाइनलिस्ट की घोषणा कर दी गई है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में सिसौली से लेकर दुनियाभर में राकेश टिकैत के नाम की गूंज हुई। गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा जमाया और अडिग रहे। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से आंदोलन सवालों के घेरे में आ गया था लेकिन भाकियू प्रवक्ता के आंसू छलके तो आंदोलन फिर से जिंदा हो गया था।

10 दिसंबर को होगी विजेताओं की घोषणा
केंद्र सरकार की ओर से तीन कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद टिकैत का कद बढ़ा है। वाटरमेलन कंपनी में इस साल के लिए दिए जा रहे पुरस्कारों के लिए उनका नामांकन किया है। कंपनी ने इसके लिए पहले राकेश टिकैत की सहमति ली थी। 10 दिसंबर को लंदन में ही विजेताओं की घोषणा की जाएगी। 

महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे है राकेश टिकैत
राकेश टिकैत महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे और नरेश टिकैत के भाई हैं। राकेश टिकैत का जन्म मुजफ्फरनगर जनपद के सिसौली गांव में 4 जून 1969 को हुआ था। उनकी पहचान ऐसे व्यवहारिक नेता की रही है जो धरना-प्रदर्शनों, आंदोलनों के साथ-साथ किसानों के व्यवहारिक हित की बात सरकार के सामने रखते रहे हैं। वे इस वक्त भारतीय किसान यूनियन की कमान संभालते हैं। वे संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

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